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23 करोड़ की लागत से प्रदेश में बनेंगे 8 कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर

भीलवाड़ा में 2.74 करोड़ से कृषि उपज मण्डी समिति में बनेगा

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भीलवाड़ा में 2.74 करोड़ से कृषि उपज मण्डी समिति में बनेगा

भीलवाड़ा में 2.74 करोड़ से कृषि उपज मण्डी समिति में बनेगा

Bhilwara news: प्रदेश में युवा बिना फैक्ट्री लगाए अपने जिले में तैयार कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर (सीआईसी) के माध्यम से मामूली शुल्क पर तरह-तरह के उत्पाद तैयार करा अपने नाम के ब्रांड को बाजार में उतार अच्छा लाभ कमा सकेंगे। इस योजना को मूर्त रूप देने तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश में कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने की योजना बनाई है। राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे पा रही है। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने राजस्थान में आठ इन्क्यूबेशन सेंटर खोलने की घोषणा की। इस पर करीब 23 करोड़ रुपए व्यय होंगे। भीलवाड़ा कृषि मंडी समिति में इन्क्यूबेशन सेंटर बनेगा। इस पर 2.74 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

लाभार्थियों को दिया प्रशिक्षण

केन्द्र सरकार इस योजना को किसानों तक लाने के लिए कई लोगों को पीएमएफएमई योजना के क्षमता निर्माण घटक के तहत, लाभार्थियों, प्रशिक्षकों (प्रमुख प्रशिक्षकों, जिला स्तरीय प्रशिक्षकों) और जिला स्तर पर संसाधन वाले व्यक्तियों (डीआरपी) को प्रशिक्षण दिया है। इस योजना में अब तक देश में व्यक्तियों एवं उद्यमों सहित 63,099 लाभार्थियों, 526 प्रमुख प्रशिक्षकों, 1058 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों और 1953 जिला स्तर पर संसाधन वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राजस्थान में क्षमता निर्माण कार्यक्रम में 19 मुख्य प्रशिक्षक, 39 जिला स्तरीय प्रशिक्षक, 54 जिला संसाधन व्यक्ति तथा 115 लाभार्थियों की संख्या शामिल है।

क्या है इन्वयूवेशन सेन्टर योजना

कृषि उपज मंडी समिति में 2.74 करोड़ की लागत से सीआईसी का निर्माण कराया जाएगा। निर्माण पूरा होने पर किसान और बेरोजगार युवक यहां अपने मैटेरियल लाकर मामूली शुल्क पर उत्पाद तैयार कर उसे अपने ब्रांड का नाम देकर बाजारों में उतार कर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। सीआईसी में प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। सीआईसी की प्रतिदिन 10 क्विंटल उत्पादन क्षमता होगी। सेंटर में पहली लाइन मक्का दाना प्रोसेसिंग, दूसरी लाइन में आंवला प्रोसेसिंग यूनिट तथा फूड टेस्टिंग लैब बनेगी। मंडी सचिव महिपाल सिंह का कहना है कि सीआईसी जिले में बेरोजगारी दूर करने में मददगार साबित होगा। सेंटर में मामूली शुल्क पर विभिन्न उत्पाद तैयार करवाकर किसान और बेरोजगार अपना ब्रांड खुद बाजार में उतारकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिए

मंडी व्यापारी शिव कुमार गगरानी व जमनालाल कचौलिया का कहना है कि सरकार को कृषि आधारित उद्योगों को पनपाने को प्रोत्साहन देना चाहिए। जिले में मक्का सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल है। प्रोसेसिंग प्लांट विकसित करने को सरकार को इन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए।

प्रदेश में यहां खुलेंगे कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर

  • 2.74 करोड़ से कृषि उपज मण्डी भीलवाड़ा
  • 3.45 करोड़ से कृषि उपज मण्डी उदयपुर
  • 2.62 करोड़ से केवीके दांता बाड़मेर
  • 2.41 करोड़ से केयूएमएस जयपुर
  • 3.26 करोड़ से केयूएमएस अलवर
  • 2.58 करोड़ से केयूएमएस टोंक
  • 3.055 करोड़ से केयूएमएस जोधपुर
  • 3.004 करोड़ से केवीके कोटा एयू
  • 23.119 करोड़ कुल योग