
bank strike in bhilwara
भीलवाड़ा ।
बैंक कर्मचारियों व अधिकरियों के 9 संगठन का यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले 48 घन्टे की हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को भी बैंकों के ताले नहीं खुले। सभी संगठनों के कर्मचारी व अधिकारी पांसल चौराहा स्थित बैंक ऑफ बडौदा के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए।
नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया। दो दिन की हड़ताल के बाद बैंक गुरुवार से पुन: खुलेंगे। एसबीआई उदयपुर अंचल के उप-महासचिव अजय कुमार गुप्ता व सहायक महासचिव अशोक हेमनानी ने बताया कि वेतन वृद्धि का ग्यारहवां द्विपक्षीय समझौता लागू न होने के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।
बैंकों का लाभ बढ़ रहा है। सरकार टैक्स भी ले रही है लेकिन कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के रूप में झुनझुना पकड़ा दिया जाता है। स्टेट बैंक का लाभ 2017 में 14,834 करोड़ था। इस सरकार ने 4385 करोड़ का टैक्स ले लिया। बाकी का एनपीए के नाम पर प्रोविजन में डाल दिया। इस पर बैंककर्मियों का हक बनता है। बैंककर्मियों का भविष्य खराब करने के लिए 6 लाख करोड़ के मुद्रा लोन बांट दिए गए है।
जब ये एनपीए होंगे तो बैंक कर्मियों का वेतन ना बड़ाने का एक बहाना और मिल जाएगा। भाजपा को मिलने वाले चंदे में 1800 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।गत 4 वर्षों में 500 करोड़ का चंदा मिला है, जो उन उद्योगपतियों ने दिया, बैंक का ऋण चुकता नहीं कर रहे हैं। ऋण नहीं चुकाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।हड़ताल के कारण दूसरे दिन भी बैंकों के ताले नहीं खुलने से करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है।
अध्यक्ष जीवनराम ने कहा, बैंक कर्मचारी दिन रात मेहनत करने पर भी वेतन वृद्धि के नाम पर २ प्रतिशत का प्रस्ताव लिया जाता है। कई गुना वेतन सांसदों के बढ़ा दिए जाते है। संरक्षक जेके पारख, संदीप खेतान, लोकेश आढा, आर एस तिवारी, जेपी भाटिया, किशोर तिल्वानी, ललित जीनगर, सुनीलकुमार पारीक, तरुण सिंह, जिनेश मेहता, एसके जैन,अशोक बिड़ला, दिलीप पारख, हेमन्त गुर्जर, शिव कुमार सोडानी ने सम्बोधित किया।
Published on:
01 Jun 2018 01:35 pm
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