
Feldspar and Quartz Mineral Industry Faces a Big Setback
Bhilwara news : प्रदेश के मिनरल उद्योग संचालकों की उम्मीद पर सरकार ने पानी फेर दिया है। प्रदेश में बंद होती पत्थर ग्राइंडिंग मिलों को संजीवनी मिले इसके लिए मिल संचालकों ने उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी से मिलकर बजट में राहत दिलाने की मांग की थी। डिप्टी सीएम ने भी प्रदेश के व्यवसायियों के अनुकूल नीति बनाने की आवश्यकता जताई थी। लेकिन स्थिति उसके विपरीत होने से व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है।
उप मुख्यमंत्री को दिया था ज्ञापन
राज्य के बाहर खनिज निर्गमन की दरों में अंतर नहीं होने से उद्योगों पर आए संकट को दूर करने की मांग सरकार से की थी। राजस्थान पत्रिका के ‘अपना खनिज- अपना उद्योग’ अभियान के तहत प्रदेश में बंद होती बॉल मिलों को बचाने के लिए उद्यमी लगातार सरकार को हालात बता रहे हैं। लघु उद्योग भारती की ओर से यह मुद्दा सरकार के समक्ष रखा गया। उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर बताया गया है कि प्रदेश से अन्य राज्यों में अप्रधान खनिज निर्गमन पर रॉयल्टी का दोहरीकरण किया जाता है तो सरकार को इससे दोहरा फायदा हो सकता है। दम तोड़ते खनिज ग्राइंडिंग उद्योगों को संजीवनी मिलेगी, वहीं नई ग्राइंडिंग मिलों की स्थापना से औद्योगिक निवेश की संभावना हैं।
सबसे अधिक खदानें राजस्थान व आंध्रप्रदेश में
देशभर में राजस्थान एवं आंध्रप्रदेश ही ऐसे राज्य हैं, जहां सोडा फेल्सपार एवं क्वार्ट्ज की सर्वाधिक खदानें हैं। राजस्थान की खदानों के कच्चे माल के दम पर गुजरात का मोरबी सिरेमिक टाइल्स उत्पादन की सबसे बड़ी मंडी है। जबकि खनिजों का भंडार होने के बावजूद उद्योग नहीं पनप पा रहे। प्रदेश में न के बराबर सिरेमिक टाइल उद्योग हैं।
प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने लगे उद्यमी
अन्य राज्यों में खनिज निर्गमन शुल्क भी राजस्थान के बराबर होने से प्रतिस्पर्धा में प्रदेश के उद्यमी पिछड़ने लगे है। बॉल मिल उद्यमियों का कहना है कि यदि सरकार अन्य राज्यों के लिए अप्रधान खनिजों की रॉयल्टी बढ़ाती है तो इसका फायदा सरकार को होगा तथा राजस्व बढ़ेगा। इसके साथ ही निर्गमन नियंत्रित होने से बॉल मिलों को भी संजीवनी मिलेगी। यदि रॉयल्टी दर मौजूदा से छह गुना की जाती है तो प्रदेश में और ग्राइंडिंग मिल्स के रूप में निवेश आने की संभावना है।
उद्यमियों में छाई मायूसी
मिनरल व्यवसाय का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। सरकार को करोड़ों का राजस्व एवं लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। बजट में " रॉयल्टी के दोहरीकरण "और उद्योग विभाग से" विशेष प्रोत्साहन पैकेज" इस उद्योग को देना चाहिए था लेकिन कुछ नहीं मिला।
- दिनेश कुमावत, मिनरल्स उद्यमी
सरकार ने नहीं दिया ध्यान
आशा की जा रही थी विद्युत की दरों में कुछ छूट मिलती तो मिनरल उद्योग को इससे संजीवनी मिल सकती थी, प्रदेश सरकार ने कोई ध्यान नही दिया है। सरकार प्रदेश में निवेश चाहती है तो खनिज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करना होगा।
- अर्जुन सिंह, मिनरल्स ग्राइंडिंग उद्यमी
बजट से मिली निराशा
इस बजट में सरकार से कई उम्मीदें थी, लेकिन निराशा हुई है। ग्राइंडिंग उद्योगों को नहीं बचाया गया तो सभी बंद हो जाएंगे। रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा। सरकार को ऐसा निर्णय करना चाहिए जिससे उद्योग भी चल सके और लोगों को रोजगार भी मिलता रहे।
- शेषकरण शर्मा, अध्यक्ष, गंगापुर खनिज उद्योग संघ
Published on:
21 Feb 2025 10:47 am
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