एनजीटी में लगाई थी याचिका पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने गांधी सागर तालाब में गंदगी, प्लास्टिक थैलियां होने तथा शहर के सात गंदे नाले आकर इसमें मिलने के मामले को लेकर एनजीटी में जनहित याचिका लगाई थी। इसमें न्यायालय ने सफाई करने के आदेश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब भी नालों का पानी इसमें मिल रहा है।
तीन बार लगाया जुर्माना एनजीटी के आदेशों की पालना नहीं होने से आरपीसीबी ने 12 दिसम्बर 2024 को 1 करोड़ 11 लाख 45 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इससे पहले 25 नवम्बर 2021 को 2 करोड़ 40 लाख तथा 5 अप्रेल 2019 को 63.80 लाख जुर्माना लगा चुके हैं। निगम ने जुर्माना राशि जमा नहीं कराया। जुर्माना राशि 10 लाख रुपए प्रति माह तथा 5 लाख रुपए का अन्तरिम राशि का लगाया है। इस पर निगम ने सुप्रीम कोर्ट से स्थगन ले रखा है।
कचरा जलता हुआ मिला बोर्ड के अधिकारियों ने 28 अक्टूबर 2024 व 3 फरवरी 2025 को शहर का निरीक्षण किया। उस समय कचरे का सही निस्तारण या परिवहन नहीं किया जाकर उसे जलाया जा रहा था। कचरा स्टैंड तथा कुवाड़ा स्थित कचरा स्टैंड व कीर खेड़ा ट्रेचिंग ग्राउंड पर देखने को मिला।