
Crop failure in bhilwara
भीलवाड़ा
संवत 2071 में जिले की पांच तहसीलों के 639 गांवों में सरकार ने अकाल घोषित कर रखा है। इन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण फसलों में भारी खराबा हुआ था। करीब सात महीने पहले जिला कलक्टर ने यहां के तहसीलदारों से प्रभावित काश्तकारों की सूचियां मांगी थी, जो अब तक नहीं आई है। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद तहसीलदार टरका रहे हैं।
इस अकाल से पांचों तहसीलों के ढाई लाख काश्तकार प्रभावित है। इनमें से अब तक मात्र 35 हजार काश्तकारों की सूचियां ही आई है। यह सूचियां नहीं आने से जिला कलक्टर की ओर से राज्य सरकार से बजट की मांग नहीं की जा सकती है। जब तक यह बजट की मांग नहीं होगी, तब तक यहां के किसानों को मुआवजा मिलना संभव नहीं है। इसके बावजूद जिले के शाहपुरा, फुलिया, कोटड़ी, मांडलगढ़ व जहाजपुर तहसीलदार को प्रभावित किसानों की सूचियां बनाने का समय नहीं है।
दोबारा पत्र जारी करेंगे
तहसीलदारों से प्रभावित काश्तकारों की सूचियां मांगी है। इसकी समीक्षा कर जिनकी नहीं आई है उन्हें दोबारा पत्र जारी किया जाएगा।
एलआर गुगरवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर(प्रशासन )
ये है गांवों की हकीकत
जिले के 639 गांवों में है अकाल
इस बार जिले के 639 गांवों में अकाल घोषित किया है। इसमें शाहपुरा के 102, फुलियाकला के 64, मांडलगढ़ के 87, कोटड़ी के 140, जहाजपुर के 246 गांव अभावग्रस्त घोषित किए गए है। इन गांवों में राहत गतिविधियां शुरू नहीं हुई है। साथ ही पेयजल की व्यवस्था भी नहीं की गई।
पहले भी वापस देने पड़े थे सात करोड़
वर्ष 2015_ 16 में ओलावृष्टि का अकाल में भी सरकार ने 211 करोड़ रुपए भेजे। इसमें करोड़ रुपए वापस भेजने पड़े। सम्वत 2072 में सूखे का अकाल पड़ा। इसमें भी छह करोड़ रुपए नहीं बंट पाए। सम्वत 2073 में भी बिजौलियां, मांडलगढ़, कोटड़ी व हमीरगढ़ में अकाल पड़ा। सरकार ने 31 मार्च तक किसानों को मुआवजा बांटने का समय दिया। तहसीलदारों ने रुचि नहीं ली। इस बार किसानों के खाते में पैसा डालना था फिर भी काम नहीं हुआ। अब तक छह करोड़़ बांटने बाकी है। सम्वत 2074 में तो सूचियां ही नहीं आई है।
Updated on:
23 Jun 2018 01:03 pm
Published on:
23 Jun 2018 12:44 pm
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