
Daughters increase in enrollment in bhilwara
भीलवाड़ा।
जिले की सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली बेटियों की नामांकन संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यहां बेटियां न सिर्फ पढ़ रही है, बल्कि बेटों से दो कदम आगे निकल रही है। एेसा ही उदाहरण सामने आया है 10 वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के घोषित परिणामों में। इसमें जिले की टॉपर रहने के साथ-साथ प्रथम श्रेणी में पास होने वाली ज्यादातर बेटियां ही रही।
ये पिछले तीन सालों से प्रदेश में जिले की पिछड़ी हुई स्थिति में लगातार सुधारने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। इस परिवर्तन से ना केवल बेटियों का हौसला बढ़ रहा है। बेटियों में आगे पढऩे के लिए अपने मन के साथ परिवारिक माहौल भी मिल रहा है। बेटियों के बढ़ते कदम जिले के लिए अच्छे संकेत है। गत वर्ष प्रदेश में 10 वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में जिला १९ वें नंबर पर था, जो इस बार 2,968 बेटियों ने प्रथम श्रेणी पास कर जिले को 11 वें स्थान पर ले आई।
12 वीं में यह रहा परिणाम
जिले में कुल नामांकन दृष्टि से विज्ञान, वाणिज्य व कला संकाय की 2015-16 में 6,802 बेटियां थी जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7,788 हो गई। परीक्षा परिणामों में वर्ष 2015-16 में विज्ञान संकाय में बेटों के कुल 74.44फीसदी परिणाम के मुकाबले बेटियों ने 86.94 फीसदी, वाणिज्य संकाय में बेटों के 72.41 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 89.17 फीसदी व कला संकाय में बेटों के 79.41 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 89.49 फीसदी परिणाम हासिल किया। इसी तरह 2016-17 में विज्ञान संकाय में बेटों के कुल 83.12 फीसदी परिणाम के मुकाबले बेटियों ने 87.06 फीसदी, वाणिज्य संकाय में बेटों के 77.9 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 90.65 फीसदी व कला संकाय में बेटों के 85.70 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 92.28 फीसदी परिणाम तथा 2017-18 में विज्ञान संकाय में बेटों के कुल 86.36 फीसदी परिणाम के मुकाबले बेटियों ने 88.94 फीसदी, वाणिज्य संकाय में बेटों के 76.80 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 85.79 फीसदी व कला संकाय में बेटों के 91.58 फीसदी के मुकाबले बेटियों ने 94.35 फीसदी परिणाम हासिल किया।
10वीं में यह रहा परिणाम
जिले में कुल नामांकन दृष्टि से 2015-16 में 10,148 बेटियां थी जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 11,380 हो गई। वहीं परीक्षा परिणामों में वर्ष 2015-15 में बेटों के कुल 74 फीसदी परिणाम के मुकाबले बेटियों ने ७८ फीसदी परिणाम हासिल किया। इसी तरह 2016-17 में बेटों का 73.68 फीसदी के मुकाबले बेटियों का 78.01 फीसदी तथा 2017-18 में बेटों 75.68 फीसदी के मुकाबले बेटियों का 77.67 फीसदी परिणाम रहा।
बोर्ड परीक्षा परिणामों में आया सुधार
अब अभिभावकों के जागरूक होने के अलावा सरकार भी बेटियों को ट्रांसपोर्ट वाउचर, साइकिल, लैपटॉप, गार्गी, बालिका फाउंडेशन, स्कूटी व प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित कर रही है। इससे जिले में बेटियों का रुझान शिक्षा के प्रति बढ़ रहा है। बोर्ड परीक्षा परिणामों में भी काफी हद तक सुधार आया है।
अशोककुमार, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (प्रथम), भीलवाड़ा।
Published on:
23 Jun 2018 02:46 pm
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