
माणिक्यनगर स्थित शर्मा हॉस्पीटल में मंगलवार शाम को मरीज के पेट का ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर को ही हृदयाघात (हार्ट अटैक) हो गया।
भीलवाड़ा।
माणिक्यनगर स्थित शर्मा हॉस्पीटल में मंगलवार शाम को मरीज के पेट का ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर को ही हृदयाघात (हार्ट अटैक) हो गया। उन्होंने चिकित्सकीय धर्म निभाते हुए पहले अपने मरीज की जान बचाई। बाद में डॉक्टर को दूसरे अस्पताल में ले जाकर उनके हृदय की जांच करवाई गई तो तीन ब्लॉक निकले।
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जानकारी के अनुसार अस्पताल के डॉक्टर राधेश्याम शर्मा गाडरमाला निवासी भैरूलाल गाडरी (35)के पेट में आंत का ऑपरेशन कर रहे थे। इस दरम्यान उनके सीने में तेज दर्द हुआ। साथ काम कर रहे कर्मचारियों ने उन्हें बैठाने का प्रयास किया, लेकिन डॉ.शर्मा ने दर्द सहन करते हुए पहले ऑपरेशन पूरा किया। इस दौरान डॉक्टर शर्मा की हालत और बिगड़ गई। बाद में उनको वहां मौजूद यूआईटी अध्यक्ष गोपाल खण्डेलवाल सिद्धि विनायक हॉस्पीटल ले गए। वहां चिकित्सालय अधीक्षक डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने हृदयाघात की आशंका जताई।
हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ. पवन ओला एवं उनकी टीम ने एंजियोग्राफी की। जांच में डॉ. शर्मा के तीन जगह ब्लॉकेज आए। इस पर कृत्रिम सांस देते हुए हृदय नली में तीन स्टंट डाले। डॉ. शर्मा अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
छात्राओं को दी रोगों की जानकारी
माण्डल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी रोग की जागरूकता पर कार्यशाला की गई। इसमें छात्राओं को टीबी रोग से बचाव व उपचार की नई तकनीक की जानकारी दी गई। जिला क्षय रोग निवारण केन्द्र के जिला पीपीएम समन्वयक हेमन्त सोलंकी ने रूप देवी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को टीबी रोग की जानकारी, लक्षण, जांच के नए तरीके व उपचार की जानकारी दी। सीनियर ट्रीटमेंट सुपर वाइजर योगेश बांगड़ ने उपचार व काउसलिंग के बारे में बताया। इस मौके पर छात्राओं के स्वास्थ्य से संबंधित प्रश्नों के जवाब भी दिए गए।
Published on:
07 Dec 2017 10:58 am
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