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साल 2026 में चार ग्रहण, भारत में दिखेगा सिर्फ एक चंद्र ग्रहण

- दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे, सूतक काल केवल 3 मार्च के चंद्र ग्रहण पर रहेगा मान्य

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Four eclipses in 2026, only one lunar eclipse will be visible in India

Four eclipses in 2026, only one lunar eclipse will be visible in India

हर नया साल अपने साथ कई खगोलीय घटनाएं लेकर आता है। वर्ष 2026 भी इस लिहाज से खास रहने वाला है। आने वाले साल में कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इनमें से केवल एक चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा, जिस पर सूतक काल मान्य रहेगा। वर्ष 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को अमावस्या के दिन लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस पर सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसके बाद साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त 2026 को होगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा। हालांकि यह भी भारत में नजर नहीं आएगा। यह स्पेन, रूस और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। धार्मिक दृष्टि से भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा।

3 मार्च को लगेगा खंडग्रास चंद्र ग्रहण

साल 2026 का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा और भारत में दिखाई देगा। इसी कारण इस दिन सूतक काल मान्य होगा। सूतक काल सुबह 9:39 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति के साथ शाम 6:46 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ शाम 6:26 बजे प्रारंभ होकर 6:46 बजे समाप्त होगा। वहीं वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त 2026 को लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस पर सूतक काल लागू नहीं होगा। यह ग्रहण उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।

धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

पंडित अशोक व्यास के अनुसार भारतीय परंपरा में ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए इस दौरान भोजन पकाने, खाने और पूजा-पाठ से परहेज किया जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और घर की शुद्धि की परंपरा निभाई जाती है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं, तब ग्रहण लगता है। इसमें किसी प्रकार का भय नहीं, बल्कि यह विज्ञान का एक रोचक और अद्भुत दृश्य होता है।