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ढाई लाख बच्चे पीएंगे फीका दूध, शक्कर का बजट नहीं

जिले के सरकारी स्कूलों के ढाई लाख बच्चों को नए शैक्षणिक सत्र से मिड डे मील में सरकार ने दूध पिलाने की तैयारी कर ली है

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Get milk kids in the mid-day meal in bhilwara

Get milk kids in the mid-day meal in bhilwara

भीलवाड़ा।
जिले के सरकारी स्कूलों के ढाई लाख बच्चों को नए शैक्षणिक सत्र से मिड डे मील में सरकार ने दूध पिलाने की तैयारी कर ली है। यह दूध फीका ही पिलाना पड़ेगा। अभी तक जो गाइडलाइन मिली है, उसके तहत शक्कर खरीदने का बजट नहीं दिया और न ही यह बताया गया कि शक्कर कहां से आएगी। एेसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी चिंतित है कि बच्चों को फीका दूध कैसे पिलाएंगे।

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स्कूलों में 2 जुलाई से सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा आठवीं तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन प्रार्थना के बाद दूध मिलेगा। कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को 150 मिली व कक्षा 6 से 8 तक बच्चों को 200 एमएल दूध दिया जाएगा।

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दूध के लिए आवश्यक बर्तन खरीदने के लिए दो हजार पांच सौ रुपए और प्रति ग्लास के लिए बीस रुपए का बजट दिया है। आमतौर पर चीनी मिलाकर ही दूध पिया जाता है। दिशा-निर्देशों में दूध कहां से मिलेगा, इसका तो जिक्र है, लेकिन चीनी के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। अब सवाल ये है कि सरकार चीनी के बजट का इंतजाम कैसे करेगी?


नहीं मिला जवाब

नए शैक्षिक सत्र में उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को मिड डे मील में सप्ताह में तीन दिन दूध पिलाने की योजना को लेकर जिला निष्पादन समिति की बैठक में दूध में चीनी मिलाने का मुद्दा छाया रहा। इसमें अधिकारियों ने पूछा, लेकिन जवाब नहीं मिला। दूध की व्यवस्था के लिए संस्था प्रधानों को उत्तरदायी बनाया गया है।


शिक्षक चखेंगे
राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए यह व्यवस्था की है कि दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए शिक्षक पहले गर्मागर्म दूध चखेंगे। इसके बाद ही बच्चों को वितरित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में खुला दूध इस्तेमाल करने से गुणवत्ता कैसे रहेगी, इस पर नजर रखना जरूरी है। दूध की जांच लेक्टोमीटर से की जाएगी।


गांव-शहर में भाव अलग
सरकारी स्कूलों के बच्चों को तंदुरुस्त रखने के लिए शुरू की जा रही दूध पिलाने की योजना में भी बड़ा फर्क रखा गया है। इसमें शहरी इलाकों में पढऩे वाले बच्चों को 40 रुपए लीटर वाला दूध दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को 35 रुपए लीटर का दूध मिलेगा। शहरी क्षेत्र के स्कूलों के लिए पाश्च्युरीकृत टोंड मिल्क खरीदना होगा। यह दूध सरस का होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में खुला दूध खरीदा जाएगा। अब पांच रुपए का दूध का अंतर कैसे पूरा होगा इसे लेकर असमजंस है।

विभाग से मार्गदर्शन मांगा है...
विभाग ने बर्तन के लिए 2500 रुपए, जिसमें ग्लास खरीदने के लिए 20 रुपए निर्धारित किया है। दूध के लिए भी राशि निर्धारित कर दी है। चीनी कैसे खरीदेंगे इसे लेकर असमंजस है। इस संबंध में विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।
जगदीशचंद्र प्रजापति, प्रभारी मिड डे मील