
The government has made a major decision regarding schools with zero enrollment.
राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के 97 शून्य नामांकन वाले राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पुनर्गठन (मर्जर) का आदेश जारी कर दिया है। फैसले के तहत इन स्कूलों को पास के अन्य राजकीय विद्यालयों में विलय किया जाएगा और अतिरिक्त शिक्षकों का पुनः पदस्थापन किया जाएगा।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लंबे समय से नामांकन शून्य रहने वाले स्कूलों के भवन, भूमि, फर्नीचर, खेल मैदान एवं शैक्षणिक संसाधनों का उपयोग अब अन्य सक्रिय विद्यालयों में किया जाएगा, ताकि सरकारी संसाधनों का अधिकतम एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इस आदेश के तहत भीलवाड़ा जिले की 2 स्कूलों को मर्जर किया गया है।
शून्य नामांकन वाले विद्यालयों का प्रशासनिक अस्तित्व समाप्त होगा। सभी कक्षाएं पास के सक्रिय विद्यालयों में संचालित होंगी। अतिरिक्त शिक्षकों का पुनः पदस्थापन किया जाएगा। स्कूल भवन, फर्नीचर, खेल मैदान और संसाधन अन्य विद्यालयों को सौंपे जाएंगे। विलय के बाद अतिरिक्त पाए गए शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। जब तक स्थायी पदस्थापन नहीं होता, तब तक उन्हें पास के विद्यालयों में कार्यव्यवस्था के तहत लगाया जाएगा।
यह आदेश पूरे प्रदेश के 97 सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि इससे बच्चों को बेहतर सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। फैसले से प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों और हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई की व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। प्रदेश में सैकड़ों ऐसी स्कूलें है जिनका नामांकन 1 से 10 तक का है। भीलवाड़ा जिले में इनकी संख्या 80 से अधिक है। हालांकि इनके आदेश भी जल्द ही आने की संभावना है।
भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया तहसील के लक्षमी निवास गोपालपुरा स्कूल को अब मांझीसा का खेड़ा स्कूल में तथा जहाजपुर तहसील के टीटोड़ी में भोपालपुरा स्कूल को डगरिया स्कूल में मर्जर कर दिया है।
Published on:
27 Dec 2025 09:18 am
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
