
Mineral department is unable to recover the amount of 8.32 crores
भीलवाड़ा खनिज विभाग कई लीज होल्डर व रॉयल्टी ठेकेदारों को नोटिस देकर भूल गया है। इनसे विभाग करीब 8.32 करोड़ रुपए की राशि वसूल नहीं कर पा रहा है। खनिज विभाग विभिन्न खनिजों के खनन के लिए लीज जारी करता है। रॉयल्टी के भी ठेके देती है। इनके बदले विभाग इनसे लीज डेड रेंट, ईंट भट्टों के रेंट, रॉयल्टी लेता है। कई लीजधारक व रॉयल्टी ठेकेदारों ने विभाग का पैसा जमा नहीं करवाया है। यह बाकियात लंबे समय से चली आ रही है। जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मुख्य फोकस राजस्व बढ़ाने पर है।
इसके लिए विभाग की पुरानी बाकियात की वसूली पर भी जोर दिया जा रहा है। लैंड रेवेन्यू एक्ट में वसूली के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। खान निदेशालय भीलवाड़ा खनिज अधीक्षण अभियंता कार्यालय से दिन-प्रतिदिन की प्रोग्रेस रिपोर्ट ले रहा है। भीलवाड़ा के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश काबरा का कहना है कि बकायादारों से वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। सभी खनिज अभियंताओं को निर्देश दिए हैं। लीजधारक व रॉयल्टी ठेकेदारों से व्यक्तिगत संपर्क कर रहे है। काबरा का कहना है कि स्टफ की कमी होने से बकाया राशि की वसूली नहीं हो पा रही है।
भीलवाड़ा में नहीं स्थाई एमई
गौरतलब है कि भीलवाड़ा खान विभाग प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देने वाला विभाग है। लेकिन यहां एक स्थाई खनिज अभियंता तक नहीं है। खनिज अभियंता महेश कुमार लंबे समय से अवकाश पर है। उनके स्थान पर पहले बिजौलिया के खनिज अभियंता प्रवीण अग्रवाल को कुछ दिन के लिए अतिरिक्त चार्ज दिया था, लेकिन अब एमई विजिलेंस विजय शंकर जयपाल को दे रखा है। वे भी यहां काम करने में रूचि नहीं दिखा रहे है।
Published on:
10 Jul 2025 09:28 am
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