
Subdivision officer enabled for caste certificate
भीलवाड़ा।
सरकार ने जाति प्रमाण पत्र के लिए उपखंड अधिकारी को सक्षम अधिकारी बनाया है। यानी अब कॉलेजों में प्रवेश लेना हो या नौकरी के लिए आवेदन करना हो तो एसडीएम के हस्ताक्षर से जारी जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। ये व्यवस्था 20 अक्टूबर 2015 के बाद जारी होने वाले जाति प्रमाण पत्रों के लिए की गई है। इससे पहले बने प्रमाण पत्र तहसीलदार के हस्ताक्षर से मान्य होंगे।
इस नई व्यवस्था से कॉलेजों में प्रवेश की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के एेसे स्टूडेंट्स के सामने नई समस्या खड़ी हो गई, जिन स्टूडेंट्स ने 20 अक्टूबर, 2015 के बाद तहसीलदार से जाति प्रमाण-पत्र बना रखा है, उसे अब महाविद्यालय अनुचित मान रहा है। हालांकि इस तरीख के पहले जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले सभी स्टूडेंटस को घबराने की आवश्यकता नहीं, उनका प्रमाण पत्र मान्य होगा। लेकिन बाद वाली तिथि के जाति प्रमाण-पत्र आधार पर स्टूडेंट्स को उपखंड अधिकारी (एसडीएम) से जाति प्रमाण-पत्र बनवाकर पेश करना होगा। अब एसडीएम या सहायक कलक्टर अधिकृत है। उनके द्वारा जारी प्रमाण-पत्र ही मान्य होंगे। इस बारे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने आदेश जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए कॉलेजों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों पर प्रवेश के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के 9 सितंबर 2015 और 20 अक्टूबर, 2015 के निर्देशों की पालना के अनुरूप सक्षम अधिकारी एसडीएम द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को ही स्वीकार किया जाए।
आवश्यक दस्तावेज
जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन के साथ राशन कार्ड, मतदाता सूची, अचल संपति के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज, किरायानामा, गैस कनेक्शन, बिजली, पानी, टेलीफोन का बिल, शिक्षा प्रमाण पत्र तथा पिता की जाति का प्रमाण पत्र साक्ष्य के रूप में लगाना होगा।
आवेदन की प्रक्रिया पहले की तरह
जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मेनुअल व ई-मित्र केन्द्रों पर आवेदन करने की प्रक्रिया पूर्व की भांति ही है। आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन ई-मित्र केन्द्र पर जमा होगा, जहां से आवेदन ऑनलाइन अपलोड होने के बाद क्षेत्रीय उपखंड अधिकारी इस पर डिजिटल हस्ताक्षर करेंगे। उपखंड कार्यालय से जारी होते ही ई-मित्र केन्द्र संचालक द्वारा प्रमाण पत्र की प्रिंट निकाली जाएगी। अनुसचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जाति प्रमाण पत्र पूरे जीवन में एक बार जारी किया जाएगा। जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदक को ये भी बताना होगा कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण तो लम्बित नहीं है।
मूल निवास तहसील से ही बनेंगे
मूल निवास प्रमाण पत्र पहले की तरह तहसीलदार द्वारा ही जारी किए जाएंगे। इसके लिए पहले से आवेदन ई मित्र से जमा हो रहे हैं, जहां से ऑनलाइन तहसीलदार द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर से फॉरवर्ड किए जा रहे है।
नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ
जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सरकार ने एसडीएम को सक्षम अधिकारी घोषित किया है। अब स्टूडेंट्स को एसडीएम द्वारा जारी प्रमाण-पत्र ही पेश करना होगा। तहसीलदार के हस्ताक्षर से 2015 के बाद जारी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करते हुए आरक्षित श्रेणी के स्टूडेंट्स को सामान्य श्रेणी में माना जाएगा। एेसे में स्टूडेंट्स को आरक्षण लाभ से भी वंचित होना पड़ सकता है।
- डॉ. राधा सारस्वत, नोडल अधिकारी, सेमुमा गल्र्स कॉलेज, भीलवाड़ा।
Published on:
15 Jun 2018 09:13 am
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