
youths trained in various techniques in bhilwara
भीलवाड़ा।
राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए जिंक अब पांच सौ युवाओं को विभिन्न तकनीक में प्रशिक्षित कर रहा है। जिससे युवा खनन के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। हिन्दुस्तान जिंक अपनी माइनिंग एकेडमी में इसके लिए कई प्रकार के प्रशिक्षण दे रहा है। इससे प्रदेश के युवक आधुनिक मशीन के माध्यम से प्रशिक्षण ले रहे हैं।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक माइनिंग एकेेडमी स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य राजस्थान के योग्य युवाओं को क्षमता के अनुसार रोजगार प्रदान करना हैै। वर्तमान में 200 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिन्हे जल्द ही रोजगार भी मिलेगा। राजस्थान ही नहीं देश की सबसे बड़ी एकेडमी है जहां इस तरह का पहली बार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कौशिक के अनुसार हिन्दुस्तान जिंंक भारत की एकमात्र सीसा, जस्ता और चांदी धातु उत्पादन कम्पनी है जो विश्व में देश का प्रतिनिधित्व करती है। जिंक की ओर से सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत स्किल काउन्सिल फॉर माइनिंग सेक्टर तथा इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ स्किल डवलपमेंट प्रा.लि. के सहयोग से स्थापित एकेडमी राज्य के लगभग 500 आईटीआई पास युवाओं को जम्बो ड्रिल ऑपरेशंस एवं वाइंडिंग इंजन ऑपरेशंस में प्रशिक्षण देने के लिए जिंंक आगामी पांच सालों में 30 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
आवासीय प्रशिक्षण
युवाओं को यह आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आवासीय पाठयक्रम में कक्षा में व्याख्यान और व्यावहारिक कार्यकुशलता को बेहतर तरीके से समझाना एवं विकसित करने के लिए विद्यार्थियों पर समान रूप से जोर दिया जा रहा है। युवाओं को सॉफ्ट स्किल, सामूहिक प्रयास, अनुशासन और समग्र व्यक्तित्व विकास के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को 2 से 7 हजार रुपए तक मासिक मानदेय भी दिया जा रहा है। प्रशिक्षण केन्द्र भीलवाड़ा, राजसंमद और उदयपुर के पास जावर में स्थित है। खनन क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए जिंक ने भारत की पहली माइनिंग एकेड़मी की स्थापना की है जो जंबो ड्रिल तथा वाइंंडिंग इंजिन ऑपरेशन संचालन में आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को प्रशिक्षित करेगी।
Published on:
31 May 2018 10:08 pm
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