शहर के नियोजित विकास की जिम्मेदारी बीडा की है लेकिन यहां तो बीडा के आसपास ही अवैध निर्माण हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी फाइलों का पेट तो कागजों से भर रहे हैं लेकिन उसका असर दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि कागजी कसरत की ताकत अधिकारियों को मजबूत कर रही है। ज्यादा दूर की बात नहीं है, बीडा से सटी भगत सिंह कॉलोनी और अलवर बाइपास पर ही जमकर अवैध निर्माण हो रहे हैं। सभी अवैध निर्माणों की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को है। इसके लिए उन्होंने विशेष कर्मचारी भी लगा रखे हैं। अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। न ही कोई ठोस कार्रवाई की जा रही है, न ही कोई ऐसा प्रावधान किया जा रहा है, जिससे कि अन्य लोग इस तरह अवैध निर्माण न करें। इसके पीछे मुख्य कारण जिन अधिकारियों के पास इस काम को रोकने की जिम्मेदारी है उनकी मिलीभगत है। भगत सिंह कॉलोनी में बीडा कार्यालय के पीछे वाली रोड और पुराने डीटीओ कार्यालय से जलदाय कार्यालय वाली सडक़ पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसके साथ ही बायपास पर भी निर्माण चल रहे हैं। ये सब निर्माण कार्य बीडा कार्यालय से मात्र कुछ दूरी पर हैं, लेकिन ये बीडा अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहे। अब ये निर्माण दिखाई क्यों नहीं दे रहे, इसकी वजह क्या है, क्यों अवैध निर्माण करने वालों पर मेहरबानी की जा रही है। इसे शहरवासी भलीभांति समझते हैं।