
भोपाल। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में एक बार फिर इजाफा किया है। इस बार 4 फीसदी महंगाई भत्ता (7th Pay Commission DA Hike) बढ़ाया है। अब केंद्रीय कर्मचारियों का कुल महंगाई भत्ता 38 फीसदी हो गया है। इधर, मध्यप्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी एक बार फिर चार फीसदी महंगाई भत्ते में पीछे रह गए हैं। कर्मचारी नेताओं ने इसे चार दिन की चांदनी बताया है।
चार दिन पहले तक मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (dearness Allowance) तीन फीसदी बढ़ाकर 34 फीसदी कर दिया था। लंबे समय बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के समान कर दिया गया था। चार दिन की खुशी के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी और अधिकारी महंगाई भत्ते में 4 फीसदी पीछे रह गए हैं। क्योंकि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया है।
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मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कई बार घोषणा की जाती है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसे हाल ही में बराबर कर दिया था, लेकिन चार दिन में ही केंद्र सरकार ने 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी जल्द ही महंगाई भत्ते में इजाफा कर सकती है। क्योंकि शिवराज सरकार की मंशा है कि अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता मिले। हालांकि चार दिन पहले ही राज्य सरकार ने इसे बढ़ाया था। इसलिए यहां के कर्मचारियों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
एमपी के 75 हजार कर्मचारियों को फायदा
मध्यप्रदेश के करीब 75 हजार केंद्रीय कर्मचारियों को इस महंगाई भत्ते में लाभ मिलेगा। यह कर्मचारी केंद्रीय सरकार के विभागों में प्रदेशभर में पदस्थ हैं। महंगाई भत्ता (dearness Allowance) में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी जुलाई से लागू की गई है। यह इजाफा सितंबर 2022 की सैलरी से मिलने लगेगा। इस प्रकार जुलाई और अगस्त का पैसा सितंबर की सैलरी में जुड़कर मिलेगा। केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 1080 से लेकर अधिकतम 2260 रुपए तक का इजाफा प्रतिमाह होगा।
हमेशा पीछे रहेंगे मध्यप्रदेश के कर्मचारी
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय दर एवं केंद्रीय तिथि से ही महंगाई भत्ता देने की मांग की गई है। तिवारी ने कहा है कि राज्य सरकार के कर्मचारी हमेशा ही केंद्र से पीछे रह जाएंगे।
तिवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 31 से 34% महंगाई भत्ता देने की घोषणा सितंबर 2022 के वेतन से माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय दर के बराबर महंगाई भत्ता किया गया था, उसका स्वागत है, लेकिन केंद्रीय तिथि जनवरी 2022 से यह महंगाई भत्ता न देकर राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को एरियर भुगतान से वंचित कर दिया। राज्य सरकार द्वारा 625 करोड का भार आने की बात बताई गई है, लेकिन सरकार द्वारा केंद्रीय तिथि जनवरी 2022 से 34% महंगाई भत्ता न देकर लगभग 700 करोड़ बचाने की बात नहीं कही गई।
Updated on:
06 Aug 2022 06:06 pm
Published on:
06 Aug 2022 05:53 pm
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