
आकृति ग्रुप ने दिया धोखा, सालों से मकान मिला नहीं, ब्याज भरने को मजबूर ग्राहक
भोपाल. आकृति ग्रुप मकान बुक कराने वालों के साथ अनुबंध करने से लेकर पजेशन देने तक धोखा देता जा रहा है। अनुबंध में तय समय पर राशि नहीं देने पर मकान लेने वालों से 24 प्रतिशत ब्याज दर से राशि वसूलने का प्रावधान किया है, लेकिन जब वह खुद मकान देने में देरी करेगा तो खरीददार को उसके बदले में क्या मिलेगा, इसका अनुबंध में कोई प्रावधान नहीं करता। लोगों ने बैंक और साहूकारों से 9-15 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज लेकर आकृति ग्रुप को पूरी राशि दी, लेकिन प्रोजेक्ट तीन से पांच साल तक लेट होने से उन्हें मकान की किस्त भारी पड़ रही है। रेरा ने बिल्डर के पास जमा राशि का सिर्फ 6 फीसदी ब्याज मकान बुक कराने वालों को देने के लिए फैसला किया है। हालांकि ब्याज की यह राशि भी नहीं मिल पा रही है।
17 हजार दे रहीं मकान किराया
केस-एक छिंदवाड़ा जिले की मनीषा श्रीवास्तव ने आकृति ग्रुप में वर्ष 2011 में मकान बुक किया था। 2014 तक इस ग्रुप को 36 लाख 66 हजार रुपए से अधिक राशि दे चुकी हैं, क्योंकि आकृति ने उन्हें इस समयावधि में मकान देने का वादा किया था। वो भोपाल में 17 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से मकान किराए पर लेकर अपने परिवार के साथ रह रही हैं। आकृति गु्रप ने इन्हें आज तक मकान नहीं दिया है।
तीन साल से कर रहे मकान का इंतजार
केस-दो इटारसी निवासी ऊषा साहू ने 2013 में आकृति में साढ़े 29 लाख से अधिक राशि देकर मकान बुक किया था। उन्हें 36 माह में मकान देने का झांसा देकर 90 फीसदी राशि पहले ही ले ली गई। शर्तों के अनुसार उन्हें मकान वर्ष-2018 में बनाकर दे देना था, लेकिन अभी तक मकान नहीं दिया है। मकान नहीं देने की वजह आकृति ने रेरा में कोरोना काल बताया है। उसका कहना है कि मजदूर अपने-अपने घर चले गए, इससे प्रोजेक्ट लेट हुआ है। जबकि वर्तमान में सरकार के निर्देशों पर 50 फीसदी कर्मचारियों की क्षमता से काम कराया जा रहा है।
बिल्डर रेरा का आदेश भी नहीं मान रहा
केस-तीन बैतूल जिले की प्रेरणा इंगले ने आकृति में वर्ष-2012 में 38 लाख में मकान बुक कराया था। बिल्डर ने 36 माह में प्रोजेक्ट पूरा करने का वादा किया था। प्रेरणा ने बिल्डर को पूरी राशि दे दी थी। बिल्डर को यह राशि देने के लिए उन्होंने 24 प्रतिशत ब्याज पर बैंक तथा इधर-उधर से कर्ज लिया। बिल्डर ने आज तक उन्हें मकान नहीं दिया। रेरा ने प्रेरणा को 33 लाख रुपए का हर माह 6 प्रतिशत ब्याज दर से राशि की प्रतिपूर्ति करने सहित अन्य राशि देने का फैसला दिया, लेकिन बिल्डर उसे भी मानने के लिए तैयार नहीं है।
विवादित जमीन पर काटे प्लॉट
आकृति ग्रुप ने कई प्लॉट विवादित जमीन पर काट दिए। इन प्लॉटों को भी बुक कर दिया गया। जिसके चलते मकान बुक कराने वालों को दिक्कतें हो रही हैं। जब तक विवादित जमीन का निराकरण नहीं होता, प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाता है। इसके चलते लोगों को जहां 36 माह में मकान मिल जाना चाहिए था, वहां उन्हें 60 माह में भी मकान नहीं मिल पा रहा है।
कोरोना की आड़ में बचने की कोशिश
आकृति ग्रुप अब कोरोना को अपनी ढाल बनाने में लगा है। रेरा से यह कह रहा है कि कोरोना के चलते न तो मजदूर मिल पा रहे हैं और न ही मटेरियल आ पा रहा है। इसके चलते प्रोजेक्ट लेट हो रहा है, जैसे ही मजदूर वापस आ जाएंगे वैसे ही काम शुरू कर दिया जाएगा। कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिन्हेंं कोरोना काल से पहले पूरा करना था, उनमें भी कोरोना संक्रमण के चलते काम प्रभावित होना बताया है।
Published on:
16 Jul 2021 02:01 am
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