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भोपाल

थ्री डी प्रिंटर से जबड़ा बनाकर कर दिया फिट, डॉक्टरों ने की गजब की सर्जरी

एमपी में राजधानी भोपाल के ग्यारह साल के एक बच्चे की गजब की सर्जरी की गई। बच्चे का तालू बहुत सूज गया था जिसके कारण वह खाना तक नहीं खा पा रहा था। जांच में पता चला कि उसे उसे विनाइल ट्यृूमर हो गया है। इसके बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने अपना कमाल दिखाया। एम्स के डॉक्टरों ने थ्री डी प्रिंटर से जबड़ा बनाकर बच्चे के मुंह में फिट कर दिया।

भोपालFeb 03, 2024 / 09:24 am

deepak deewan

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डॉक्टरों ने थ्री डी प्रिंटर से जबड़ा बनाकर बच्चे के मुंह में फिट कर दिया

एमपी में राजधानी भोपाल के ग्यारह साल के एक बच्चे की गजब की सर्जरी की गई। बच्चे का तालू बहुत सूज गया था जिसके कारण वह खाना तक नहीं खा पा रहा था। जांच में पता चला कि उसे उसे विनाइल ट्यृूमर हो गया है। इसके बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने अपना कमाल दिखाया। एम्स के डॉक्टरों ने थ्री डी प्रिंटर से जबड़ा बनाकर बच्चे के मुंह में फिट कर दिया।

एम्स में बच्चे का इलाज 3डी प्रिंटेड मॉडल की मदद से किया गया। डॉक्टरों ने एआई की सहायता से जबड़ा बनाया और ट्यूमर यानि गठान का ऑपरेशन कर दिया। एम्स में हाई-हैंड 3डी प्रिंटर की मदद से इस बच्चे के साथ ही एक महिला के जबड़े की गठान का भी सफल ऑपरेशन किया गया।

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एम्स भोपाल में हाल ही में हाई-हैंड 3डी प्रिंटर आया है जोकि इलाज में काफी मददगार साबित हो रहा है। बच्चे और महिला के ऊपर और नीचे के जबड़े की सफल सर्जरी भी इसी की सहायता से की गई।

एम्स के डायरेक्टर प्रो. डॉ. अजय सिंह बताते हैं कि एम्स में 3डी पॉली-जेट प्रिंटर इंस्टॉल किया गया है। 4.5 करोड़ का यह प्रिंटर इलाज में सहायक साबित हो रहा है। 3डी पॉली-जेट प्रिंटर की खासियत यह है कि इससे 3डी आकृति में कोई भी अंग हूबहू तैयार किया जा सकता है। दोनों मरीजों के इलाज में यही हुआ।

बैरसिया के बच्चे को भोजन चबाने और निगलने में काफी दिक्कत हो रही थी। जैसे ही जांच में विनाइल ट्यृूमर होने का पता चला, एआई की मदद से तुरंत जबड़ा बनाकर ऑपरेशन की प्लानिंग की गई। दरअसल तालू की गठान जल्द ही ब्रेन तक पहुंच सकती थी जिससे बड़ी सर्जरी करनी पड़ती।

यहां एक युवा महिला को ऐसे ही गंभीर स्थिति से बचाया गया। उसकी जबड़े की हड्डी बुरी तरह गलती जा रही थी, केवल थोड़ा सा ही जबड़ा बचा था।एम्स में उसका बोन ग्राफ्टिंग कर ऑपरेशन किया गया।

मरीज के लिए बेहद फायदेमंद
— 3डी मॉडल से सर्जरी के बारे में आसानी से समझा जा सकता है।
— सर्जरी में बहुत कम समय लगता है।
— छोटे फाड़ से भी ऑपरेशन हो सकता है।

डॉक्टर्स के लिए भी सुविधा
— जबड़े की जटिल सर्जरी की जा सकती है।
— एनाटॉमी बेहतर तरीके से देखी जा सकती है।
— हड्डी काटने की मार्गदर्शिका बनाई जा सकती है।
— ऑपरेशन के बारे मरीज या उनके परिजनों को बेहतर समझाया जा सकता है।
— एक्यूरेसी 99% रहेगी यानी 99% ऑपरेशन सफल होंगे।

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