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डायबिटीज ब्लड शुगर से परेशान हैं तो यहाँ चेक करें उनसे बचने के उपाय

locationभोपालPublished: Jul 20, 2019 01:57:08 pm

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KRISHNAKANT SHUKLA

ब्लड शुगर कम ( blood sugar control ) होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया ( hyperglycemia ) कहते हैं। लो ब्लड शुगर की वजह से किडनी डिसऑर्डर, हेपेटाइटिस, लिवर पर प्रभाव छोड़ता है।

blood sugar

blood sugar : लक्षण जो बताते है आपके शरीर में शुगर की स्थिति, जानिए उनसे बचने के उपाय

भोपाल. भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य का नियमित ध्यान नहीं रख पाते, ऐसी स्थिति में कई बार छोटी-छोटी बिमारियां गंभीर रूप ले लेती हैं और हमें परेशान होना पड़ता है। ब्लड शुगर ( blood sugar ) यानि की डायबिटीज ( diabetes ) इन्ही बिमारियों में एक है। ब्लड शुगर के लक्षण मिलते ही शुरूआत में ही ध्यान दिया जाए तो इसे समय रहते कंट्रोल में किया जा सकता है।

ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ना और घटना दोनों ही खतरनाक

डॉक्टरों के मुताबिक ब्लड शुगर के कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। डायबिटीज सीधे तौर पर शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है। शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाना भी खतरनाक है और इसका कम होना भी खतरनाक है। ब्लड शुगर कम ( blood sugar control ) होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया ( hyperglycemia ) कहते हैं। लो ब्लड शुगर की वजह से किडनी डिसऑर्डर, हेपेटाइटिस, लिवर पर प्रभाव छोड़ता है।

ब्लड शुगर के लक्षण

वैसे तो शुरूआती दौर में ब्लड शुगर के लक्षण का पता करना थोडा कठिन होता है लेकिन हर दिन धीरे-धीरे इसके संकेत मिलने लगते हैं। जैसे कि प्यास लगने पर भरपूर पानी पीने के बाद आपको प्यास लगे तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

बार-बार वॉशरूम इस्तेमाल करने की जरूरत महसूस होना भी ब्लड शुगर के बढ़ने व घटने का लक्षण बताता है। ये लक्षण डायबिटीज के संकेत हैं।

डायबिटीज होने से पीड़ित लोगों के शरीर में कार्बोहाइड्रेट ( Carbohydrate blood sugar ) सही तरह से ब्रेक नहीं हो पाता है। इस वजह से खाने से मिलने वाली एनर्जी शरीर को पूरी तरह से नहीं मिलती है। एनर्जी न मिलने की वजह से शरीर में थकावट का एहसास होता है। तो बेहतर होगा आप अपनी जांच करा लें।

ब्लड शुगर बढ़ने या घटने से शरीर में खुजली अधिक होने का संकेत मिलता है। कई बार ज्यादा खुजली करने से घाव हो जाता है और ठीक होने में अधिक समय लगता है। तो डॉक्टर से तुरन्त सलाह लेना चाहिए।

डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज डायबिटीज कई तरह की होती है- टाइप-1, टाइप-2 और गेस्टेशनल डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज बेहद जानलेवा होती है। वहीं, गेस्टेशनल डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान होती है, जो बच्चे के जन्म के बाद खुद ही खत्म हो जाती है। इससे पहले की डायबिटीज से अधिक समस्या हो, इसके लिए संकेत मिलते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है।

डायबिटीज से बचने के घरेलू उपाय ( How to do diabetes control )

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए करेला खाएं। करेले का जूस बनाकर भी उपयोग में लेने से अधिक लाभ होता है। करेले में इन्सूलिन को कम करने के पोषक तत्व होते हैं। जिससे ब्लड में मौजूद शुगर फैट में नहीं बदल पाता और बॉडी उसका सही इस्तेमाल कर पाती है। शुगर के फैट में न बदलने के कारण वजन कम करने में भी मदद भी मिलती है। सुबह एक गिलास करेले के जूस के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित और नियमित करने में काफी सहायता मिलती है।

डायबिटीज से बचने के घरेलू उपाय ( home remedies to get rid of diabetes ) बहुत है लेकिन मेथी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में अधिक सहायक है। मेथी फाइबर और रसायनों में भरपूर है, जो कार्बोहाइड्रेट और ब्लड शुगर लेवल को कम कर पाचन में मदद करते हैं। मेथी का सेवन गर्म पानी में मिलाकर, पीसकर या पाउडर के रूप में इसके चूर्ण के रूप में सेवन कर सकते हैं।

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