भूकंप का केंद्र पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के हिन्दूकुश क्षेत्र में था। इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई। इसका असर भारत के दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में भी महसूस किए गए। देश में किसी के हताहत होने या नुकसान के समाचार नहीं है।
भारत के कश्मीर और दिल्ली में आए झटके से पूरे देश में दहशत फैल गई। मध्यप्रदेश में रहने वाले तमाम लोग अपने लोगों के हालचाल पूछने के लिए फोन कर रहे हैं। हालांकि कई जगहों पर नेटवर्क में कंजेशन हो जाने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। भोपाल समेत मध्यप्रदेश में रहने वाले कई लोग अपने परिजन और अपने बच्चों के लिए चिंतित हो गए। वे बार-बार अपनों के हालचाल के लिए फोन लगा रहे हैं।
भोपाल में रहने वाले सतीश शर्मा के मुताबिक उन्होंने पहले तो समझा कि कैलिफोर्निया में भूकंप के झटके आए हैं तो उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को फोन लगाकर हालचाल लिए। लेकिन बाद में पता चला कि फिलहाल दिल्ली में हल्के झटके आए हैं।
इधर, दिल्ली से राहुल सक्सेना ने बताया कि मेरा फ्लेट आठ मंजिल पर है, इसलिए मुझे बिल्डिंग हल्की-हल्की कंपन करती हुई महसूस हुई। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ।
मध्यप्रदेश की नर्मदा वैली है सबसे संवेदनशील
मध्यप्रदेश से निकली नर्मदा वैली और ताप्ती नदी की वैली में भूकंप का खतरना सबसे अधिक बना हुआ है। बुंदेलखंड से लगे महाकौशल प्रांत तक यह फैला हुआ है। इससे पहले जबलपुर में कुछ दशक पहले जबरदस्त भूकंप ने तबाही मचाई थी। नेपाल और पाकिस्तान, अफगानिस्तान में आने वाले भूकंप का असर देश के उत्तर पूर्वी भागों के साथ-साथ मध्य के इलाकों जैसे मध्यप्रदेश में भी रहता है। इससे पहले बुंदेलखंड की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो व ओरछा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
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