मध्यप्रदेश में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी मौसम की बेरूखी नजर आई, कहीं धुंध छाई थी, तो कहीं सर्द हवाओं के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, ऐसे ही हालात राजधानी में भी नजर आए, हालांकि अन्य दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को सूर्य के दर्शन हुए लेकिन बादलों के कारण धूप भी ठीक से नहीं निकल पाई।
मौसम का लुत्फ लेते नजर आए युवा
जहां इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग ठंड से परेशान थे, वहीं युवा मौसम का लुत्फ लेते दिखे, उन्होंने हरियाली वाले स्पॉटों पर जाकर सैर सपाटे का आंनद लिया।
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और अरब सागर से आ रही नम हवा ने मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदल दिया है। गुरुवार को ज्यादातर हिस्सों में बादल छा गए तो कई शहरों में बौछारें पड़ीं। इस बीच सूरज के दर्शन नहीं हुए। सर्द हवाओं से लोग ठिठुर उठे। इंदौर, होशंगाबाद, सागर, नौगांव, ग्वालियर, राजगढ़ और भोपाल में बारिश दर्ज की गई। इंदौर में दिसंबर में सबसे कम अधिकतम तापमान का रेकॉर्ड टूट गया। 2 दिसंबर शहर में अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। 24 घंटे में इंदौर में करीब एक इंच बारिश दर्ज की गई। तापमान सामान्य से 13 डिग्री गिरकर 16 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। बता दें कि मावठ (सर्दी में होने वाली वर्षा) फसलों के पोषण खासकर गेहूं के लिए अच्छी होती है।
मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया, जब मावठा गिरता है तो दिन-रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं रहता, क्योंकि रात का पारा बढ़ता है, वहीं दिन का तापमान गिरता है। यह असामान्य तापमान होता है। बादल छाने के दौरान जब लोग घर से बाहर निकलते हैं तो सर्दी का अहसास ज्यादा होता है।