प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव ने इसे महाकाल बाबा का आशीर्वाद बताया है। उन्होंने कहा कि — यह बहुत खुशी की बात है।
डॉ. मोहन यादव कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस से जुड़ गए थे। पहले एबीवीपी और फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ बीजेपी में भी कई पदोें पर कार्य किया। शिवराज सरकार में मोहन यादव को उच्च शिक्षा विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
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इससे पहले डॉ. मोहन यादव को पूर्व सीएम उमा भारती ने उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और इसके बाद विधायक व मंत्री के रूप में डॉ. यादव ने संघ के हिंदुत्ववादी एजेंडा का आगे बढ़ाया।
वे सन 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे थे। उज्जैन विकास प्राधिकरण के उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में उज्जैन में कई अहम काम हुए। इस अवधि में उज्जैन में वेधशाला की स्थापना हुई। उनके कार्यकाल के दौरान यहां तारामंडल भी बना। डॉ. मोहन यादव ने यहां विक्रमादित्य पीठ की भी स्थापना कराई।
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इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने उज्जैन में हिंदू नववर्ष यानि गुड़ी पड़वा को भव्य तरीके से मनाने की शुरुआत की। इसे विक्रमोत्सव के रूप में बड़ा महोत्सव बना दिया गया। उज्जैन में पहले भी हर साल यह उत्सव मनाया जाता था लेकिन डॉ. मोहन यादव ने इस भव्य स्वरूप प्रदान कर दिया।
उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में न केवल डॉ. मोहन यादव को इन कामों का श्रेय मिला बल्कि उनकी संघ में उनकी प्रोफाइल और बढ़ गई। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में जब उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया तो उन्होंने तुरंत ही मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी।
सन 2020 में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करनेवाला पहला राज्य बन गया था। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में एमपी में सन 2021—22 के शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई थी। विधानसभा चुनाव के बाद जब हाईकमान नए नेता की तलाश में जुटा था तब उनकी यह प्रोफाइल पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पास पहुंचाई गई। संघ के करीबी के साथ ही उनके ओबीसी होने का भी फायदा मिला और बीजेपी हाईकमान ने डॉ.यादव को प्रदेश की बागडोर सौंपने का फैसला कर लिया।