मध्यप्रदेश में अभी यह स्थिति –
बसपा का विंध्य, बुंदेलखण्ड और ग्वालियर-चंबल संभाग के 14 जिलों में प्रभाव है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा चार सीटों पर चुनाव जीती थी। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 62 सीटें ऐसी रहीं जहां बसपा प्रत्याशी ने10 हजार से ज्यादा और 17 सीटों में 30 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसी ताकत के बल पर कांग्रेस पार्टी बसपा से गठबंधन चाहती है।
इनका कहना है
कांगे्रस पार्टी मध्यप्रदेश में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लडऩे को लेकर तैयार है। इस बारे में बातचीत चल रही है। कितनी सीटों पर गठबंधन होगा, फार्मूला इत्यादि क्या होगा, इस बारे में अभी नहीं बता सकता। राहुल गांधी के साथ हुई चर्चा में सकारात्मक संकेत मिले हैं।
– दीपक बावरिया, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी
बसपा के साथ गठबंधन होने पर कांग्रेस को लाभ होगा। राहुल गांधी सभी दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं। जल्द ही परिणाम सामने आएंगे।
– अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष मप्र विधानसभा
बसपा बोली, कांग्रेस का फैसला एकतरफा –
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर ने कांग्रेस के गठबंधन फैसले को एकतरफा बताया। उन्होंने कहा, पार्टी में नीतिगत निर्णय बसपा सुप्रीमो मायावती संबंधित राज्य प्रभारी से चर्चा के बाद लेती हैं। बातचीत की प्रक्रिया प्रदेश प्रभारी की जानकारी में होती है, लेकिन अभी तक मध्यप्रदेश को लेकर किसी भी स्तर पर कोई बात नहीं हुई है।