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पातालकोट खुलासे के बाद भाजपा सरकार के सभी आवंटनों पर आंच

एक्शन में आ गई है कमलनाथ सरकार

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patalkot scandal

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भोपाल. पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढ़ाना की जमीन को नियमों के खिलाफ दिल्ली की यूरेका कैंपआउट्स को 11 लाख में 20 साल के लिए देने के खुलासे के बाद कमलनाथ सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने पर्यटन विभाग के ऐसे सभी प्रोजेक्ट को जांच के दायरे में लिया है, जिनमें भाजपा शासन के 15 साल के दौरान सरकारी जमीनें निजी कंपनियों को दी गई हैं। इसमें देखा जाएगा कि कहां-कहां निजी कंपनियों या नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की अनदेखी की गई है। इसके तहत जिन मामलों में शिकायतें हुई हैं, उन्हें भी खोला जाएगा। पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने विभागीय अफसरों को जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

स्क्रूटनी के निर्देश
कांग्रेस सरकार ने पातालकोट सौदे को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे मामले की स्क्रूटनी के लिए पर्यटन मंत्री को निर्देश दिए हैं। अब मंत्री बघेल गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में पातालकोट सौदे सहित सभी मामलों का भी समीक्षा करेंगे।

मुख्यमंत्री कमलनाथ 20 को करेंगे बैठक
प र्यटन मंत्री की रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ 20 फरवरी को पर्यटन विभाग की बैठक लेंगे। इसमें पातालकोर्ट सौदे की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है। माना जा रहा है कि इसके बाद पातालकोट की जमीन को नियमों के खिलाफ दिल्ली की यूरेका कंपनी को देने पर बड़ा कदम उठाया जा सकता है। इसमें कुछ बड़े अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में प्रमुख सचिव हरिरंजन राव की भूमिका संदेह के दायरे में है।

भाजपा सरकार के दौरान निजी कंपनियों को पर्यटन के लिए दी गई सभी जमीन और अनुदानों को लेकर विभाग से रिपोर्ट बुलाई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
सुरेंद्र सिंह बघेल, मंत्री, पर्यटन विभाग

आदिवासियों की भूमि पर निर्माण क्यों, सौदा रद्द हो : अलावा
कांग्रेस के आदिवासी विधायक और जय आदिवासी युवा संगठन के नेता डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर पातालकोट में यूरेका कंपनी के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। अलावा ने लिखा है कि ये निर्माण कार्य अनुच्छेद २४४ एक और पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन है। इसमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की है।