त्योहारों में पहनती हैं महिलाएं
पारंपरिक रूप से काले मखमल के कपड़े से तैयार इस पूरे बाहं के जैकेट को वयस्क महिला समूहों द्वारा त्योहारों और विवाह जैसे समारोहों के अवसर एक जातीय परिधान के रूप में पहना जाता है। एक महत्वपूर्ण परिधान के रूप में पहने जाने वाले इस काले मखमली कपड़े में सफेद धातु के बकल और लटकन से सजाकर उसका उपयोग किया जाता है। इस मौके पर संग्रहालय निदेशक प्रो. सरित कुमार चौधुरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस प्रादर्श के माध्यम से हम पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति और कला को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
पारंपरिक रूप से काले मखमल के कपड़े से तैयार इस पूरे बाहं के जैकेट को वयस्क महिला समूहों द्वारा त्योहारों और विवाह जैसे समारोहों के अवसर एक जातीय परिधान के रूप में पहना जाता है। एक महत्वपूर्ण परिधान के रूप में पहने जाने वाले इस काले मखमली कपड़े में सफेद धातु के बकल और लटकन से सजाकर उसका उपयोग किया जाता है। इस मौके पर संग्रहालय निदेशक प्रो. सरित कुमार चौधुरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस प्रादर्श के माध्यम से हम पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति और कला को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
बच्चों ने खुद बनाए आकर्षक वॉल हैंगिंग, कलर प्लेट व विजिटिंग कार्ड
इधर, जवाहर बाल भवन में मंगलवार को चित्रकला प्रभाग में बच्चों के लिए शिल्पकार से मिनिएचर आर्ट बनाने की कार्यशाला का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ शाहबानों ने बच्चों को खेल-खेल में छोटे-छोटे मिनिएचर शिल्पकार से बनाना सिखाया। जिसमें बच्चों ने वॉल हैंगिंग, कलर प्लेट, विजिटिंग कार्ड, कीरिंग एवं अन्य कई तरह के मिनिएचर बनाना सीखा। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य सिर्फ यह है कि अगर बच्चों को रियलिस्टिक स्केचिंग का ज्ञान हो तो वे कला के क्षेत्र में बहुत आगे पहुंच सकते हैं और विभिन्न प्रकार के इन्सेक्ट, एनिमल्स, बर्डस आदि का मिनिएचर के रूप में बनाकर तरह-तरह के आईटम तैयार कर सकता है।
इधर, जवाहर बाल भवन में मंगलवार को चित्रकला प्रभाग में बच्चों के लिए शिल्पकार से मिनिएचर आर्ट बनाने की कार्यशाला का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ शाहबानों ने बच्चों को खेल-खेल में छोटे-छोटे मिनिएचर शिल्पकार से बनाना सिखाया। जिसमें बच्चों ने वॉल हैंगिंग, कलर प्लेट, विजिटिंग कार्ड, कीरिंग एवं अन्य कई तरह के मिनिएचर बनाना सीखा। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य सिर्फ यह है कि अगर बच्चों को रियलिस्टिक स्केचिंग का ज्ञान हो तो वे कला के क्षेत्र में बहुत आगे पहुंच सकते हैं और विभिन्न प्रकार के इन्सेक्ट, एनिमल्स, बर्डस आदि का मिनिएचर के रूप में बनाकर तरह-तरह के आईटम तैयार कर सकता है।