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भोपाल

मध्य प्रदेश फिर किसान आंदोलन की राह पर, बर्बाद हुई फसलों को लेकर हाइवे किया जाम

– मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने हाइवे किया जाम
– किसानों बोले: कलेक्टर जब तक नहीं आएंगी जमे रहेंगे सड़क पर

भोपालAug 28, 2019 / 01:10 pm

दीपेश तिवारी

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भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर किसान आंदोलन का दौर शुरू होता दिख रहा है। अधिक वर्षा से बर्बाद हो रही फसलों के चलते किसान मुआवजे के लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। वहीं सरकारी कार्यप्रणाली की गति कम होने चलते अब किसानों में नाराजगी फैलती दिखाई देने लगी है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि किसान अभी शांति पूर्वक विरोध कर रहे हैं, लेकिन इनके अंदर ही अंदर आक्रोष भी पनपता जा रहा है। ऐसे में यदि जल्द ही सरकार की ओर से कुछ निर्णय नहीं लिया जाता है। कुछ किसान मध्यप्रदेश में एक नए उग्र आंदोलन की शुरूआत कर सकते हैं।
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मुआवजे को लेकर ज्ञापन…
अधिक वर्षा से बर्बाद हो रही फसलों के मामले को लेकर मध्यप्रदेश के कई जिलों में इन दिनों किसान सड़कों पर आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से राजगढ़ के किसान फसलों के सर्वे को लेकर गांव-गांव से अपनी फसलों को लेकर राजगढ़ या फिर एसडीएम कार्यालय पहुंच रहे थे, लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं होने से नाराज भारतीय किसान यूनियन द्वारा मंगलवार को फसलों के सर्वे और मुआवजे को लेकर ज्ञापन दिया गया।
इससे पहले किसान खिलचीपुर नाके पर एक हुए। यहां से एक रैली में वे कलेक्ट्रेट जा रहे थे। इसी बीच हाइवे जयपुर-जबलपुर पर उन्होंने अपनी मांग को लेकर जाम लगा दिया। इस दौरान एसडीएम संदीप अस्थाना और तहसीलदार राकेश खजूरिया, थाना प्रभारी जेबी राय व एसडीओपी आरएस दंडोतिया किसानों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन किसानों ने उनकी बात नहीं सुनी और हाइवे पर जाम लगा रखा था।
इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं थीं। करीब आधा घंटे से भी ज्यादा समय तक चले इस जाम के दौरान किसानों ने मांग की कि जब तक कलेक्टर उनकी बात नहीं सुनेंगी तब तक वे जाम से नहीं हटेंगे। आखिरकार कलेक्टर किसानों के बीच पहुंची और उन्होंने जाम लगाए बैठे किसानों को हाथ पकड़-पकड़कर उठा दिया।
कलेक्टर ने किसानों से कहा कि किसान अकेले नहीं हैं और भी लोग है। उन्हें इस प्रदर्शन से परेशानी हो रही है। बाद में किसानों ने आरोप लगाया कि सीसीबी के महाप्रबंधक विशेष श्रीवास्तव को भी मौके पर बुलाया जाए। वे किसानों की बात नहीं सुनते और कई समितियों पर दोष सिद्ध होने के बाद भी जो भ्रष्टाचार कर रहे है उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
एंबुलेंस और बच्चों के वाहनों को निकाला
जाम लगाए बैठे किसानों ने स्कूल वाहनों और एंबुलेंस या फिर मरीजों को लेकर निकलने वाले वाहनों को तुरंत जगह देकर निकाला। लेकिन कई बसें और बाइक सहित ट्रक इस जाम में फंसे हुए थे।

यहां किसान संघ ने भी सौंपा ज्ञापन
किसान संघ ने मंडी परिसर में एक धरना प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। किसान धरने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर के सामने अपनी बात रखी और फसलों का सर्वे तुरंत करने के लिए कहा।
जनसुनवाई के दौरान नारेबाजी कर रहे किसानों को फटकारा…
किसान संघ और किसान यूनियन के अलावा अलग-अलग गांवों से भी किसान अपनी फसलों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उनकी संख्या लगभग 250 हो गई थी। ऊपर जहां जनसुनवाई की जा रही थी।
वहां किसानों की तादाद बढऩे के बाद उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। ऐसे में कलेक्टर जनसुनवाई से उठकर बाहर आईं और उन्हें बुलाकर फटकार लगाते हुए कहा कि ऊपर कैसे आ गए नीचे उतरो।
जिला प्रशासन का अपना पक्ष…
यहां कलेक्टर ने बताया कि जुलाई में वर्षा नहीं हुई, लेकिन अगस्त में काफी वर्षा हो जाने से फसल को नुकसान हुआ है। राजस्व की टीम गांव में काम कर रही थी और अब कृषि, राजस्व व उद्यानिकी का ज्वाइंट सर्वे किया जाएगा। सर्वे के बाद जो भी सामने आएगा उसके अनुसार बीमा कंपनियों से मुआवजा दिलाया जाएगा। प्राथमिक सर्वे में यह सामने आया है कि फसलों में अफलन की स्थिति बन रही है।
सामने से निकल गए जिला पंचायत सीईओ…
हमेशा ही जनता से दूरी बनाए रखने वाले जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा भी इस धरने के दौरान वहां से निकले। लेकिन उन्होंने वहां रुकना भी या फिर किसानों को समझाना उचित नहीं समझा। इसी तरह डिप्टी कलेक्टर रोशनी वर्धमान भी निकल गईं।

यह रखीं मांगें
: बांझ फसल का तत्काल सर्वे कराते हुए उसकी एक कापी किसान को भी उपलब्ध कराई जाए।
: कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार किसानों का कर्ज शीघ्र माफ किया जाए।
: सरकार वचन पत्र के अनुसार गोशाला खुलवाए।
: गेहूं, चना, मसूर का बोनस तत्काल दिया जाए।
: भावांतर योजना के तहत पिछली सोयाबीन का बोनस दिलाया जाए।

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