वहीं, चर्चा में आए मामले को गंभीरता से लेते हुए खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम पिछले डेढ़ माह से तरबूज और सेवफल से लेकर अन्य मौसमी फलों की सैंपलिंग कर मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के जरिए जांच कर रही है। आप भी फलों की जांच महज 15 मिनट में करवा सकते हैं।
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इंदौर फलों पर रसायनों के उपयोग की शिकायतों के बीच ‘पत्रिका’ टीम ने जांच की प्रक्रिया बारीकी से समझ तो पता चला कि फलों की जांच में 10 से 15 मिनट का समय लगता है। सबसे पहले एल्कोहल एथेनॉल से फलों क सफाई की जाती है, फिर उसमें परखनली की सहायता से हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर कलर के मिलावट की जांच होती है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों क दावा है कि जांच रिपोर्ट में तरबूज में किसी प्रकार के बाहरी कलर की मिलावट नहीं मिली है, वहीं सेवफल की चमक कायम रखने के लिए पैराफीन बैंस भी नहीं मिलाया गया है टीम ने चोइथराम मंडी के बाहर राजीव गांधी प्रतिमा चौराहा, भंवरकुआं छावनी और एमवायएच अस्पताल से लेकर नवलखा क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक दुकानों की जांच कर आम अनार, सेब और तरबूज की सैंपलिंग की है।
हर माह होती है जांच
इन दिनों तरबूज आम और सेवफल की प्राथमिकता से सैंपलिंग कर जांच करवाई जा रही है। जांच में फलों में किसी प्रकार के बाहरी कलर की मिलावट नहीं पाई गई है। प्रतिमाह लगभग 100 सैंपलिंग की जाती है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में टीम सक्रिय रहती है।- मनीष स्वामी, अधिकारी, खाद्य एवं औषधि विभाग
मुय बाजारों में फोकस
मोबाइल फूड टेस्टिंग के जरिए फलों में कलर की मिलावट की जांच आसानी से हो जाती है। पहले फलों की एल्कोहल एथेनॉल से सफाई की जाती है, फिर उसमें केमिकल मिलाकर जांच की जाती है। लगभग 10 से 15 मिनट में जांच पूरी हो जाती है। मुय बाजारों के साथ-साथ प्रमुख मार्गों की फल दुकानों पर ज्यादा फोकस किया जाता है।- राहुल मोदी, केमिस्ट
प्रतिमाह 100 सैंपलिंग, पांच सालों से दौड़ रही चलित लैब
मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब पिछले पांच सालों से शहर में चलाई जा रही है, जिसके जरिए प्रतिमाह विभिन्न प्रकार के लगभग 100 सैंपल लेकर जांच की जाती है। जांच में जिन दुकानों पर फलों की अच्छी गुणवत्ता नहीं मिलती है, उन्हें पहली बार सुधरने की हिदायत दी जाती है। अगर दूसरी बार फलों की गुणवत्ता खराब मिलती है तो चालानी कार्रवाई भी की जाती है। गत 1 मई से लेकर 6 जून तक लगभग 100 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें तरबूज आम, अनार, मोसंबी और सेब से लेकर अन्य फल हैं, जिसकी जांच में नेचुरल कलर ही पाया गया है।
प्रतिदिन बाहर से आ रही है 30 से अधिक गाड़ियां
चोइथराम मंडी में प्रतिदिन लगभग 25 से 28 गाड़ी तरबूज की आ रही है, जिसमें अधिकतर निमाड़, महेश्वर, मंडलेश्वर से लेकर खंडवा और खरगोन की है, वहीं पांच से सात गाड़ी लोकल से आ रही है। फल व्यापारी विक्रम विनोद उठरीरिए और गोविंद राम पटेजा ने बताया कि फलों के राजा आम की भी 7 से 8 गाड़ियां रोजाना आ रही हैं।