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महाराष्ट्र की जेलों की ‘गला भेंट’ मुलाकात सभी राज्यों को भायी, तेलंगाना में जेलकर्मियों को पुलिस जैसी सुविधाएं

जेलों पर 'मंथनÓ करने राजधानी में जुटें देशभर के मुखिया  

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looted of truck drivers by Fake policeman in bilaspur

बोलेरो से पीछा कर रोक लिया कोयला का ट्रक और बोले हेलो आईएम छत्तीसगढ़ पुलिस खर्चा पानी नहीं दोगे क्या

भोपाल। महाराष्ट्र की जेलों में एक नवाचार शुरू किया है। नवाचार यह है कि जेलों में हर तीसरे माह 'गला भेंटÓ मुलाकात कराना। यानि कि साल में चार बार कैदियों को उनके परिजनों से जेल के अंदर खुली मुलाकात कराना। जेल में कैद बंदियों को वीडिय़ो कॉलिंग कराना।

दिल्ली की तिहाड़ जेल में इलेक्ट्रोनिक मैकेनजिम पर नवाचार पर फोकस किया, जिसमें कैदियों को कैंटीन में कैश लेस सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। ऑनलाइन मुलाकात का फंडा शुरू किया है। तेंलगाना में जेलकर्मियों को पुलिस की तर्ज पर 13 माह का वेतन और पुलिस फोर्स जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

दरअसल, जेल सुधार और बंदियों के हित से जुड़े नवाचारों को लेकर देशभर की जेलों पर मंथन करने के लिए 29 राज्यों समेत सात केंद्र शासित राज्यों की जेलों के मुखिया (डीजीपी) और प्रमुख सचिव (पीएस) एक साथ राजधानी भोपाल में जेल डीजी कॉन्फे्रस में शामिल हुए। इसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाव के डीजी ने अपनी-अपनी जेलों में हुए नवाचार पर वक्तव्य दिया।

मप्र के लिए यह पहली बार मौका है, जब राजधानी स्थित सीएपीटी (सेंट्रल एकेडमी फॉर पुलिस ट्रेनिंग) कान्हासैया में सभी प्रमुख एकत्रित हुए। कान्हासैया के पास सीएपीटी सभागार में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता मध्यप्रदेश मानवधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र जैन ने की। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के विधि एवं विधाई और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी शामिल हुए।

मध्यप्रदेश जेल डीजी ने शायरी के साथ किया स्वागत

मध्यप्रदेश जेल डीजी संजय चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन और मेजबानी सत्र को संबोधित करते हुए शायरी की लाइन कही। इसके वहां कार्यक्रम में मायने निकाले जाने लगे। चौधरी ने कहा 'न माँझी न रहबर न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर Ó। यह लाइन बोलते ही कार्यक्रम में कुछ देर के लिए सनाका खींच गया। उनका इशारा सरकार की तरफ से जेल विभाग की बेरुखी से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल कई बार सरकार को जेल विभाग की तरफ से प्रस्ताव बनाकर भेजे गए, लेकिन उसमें वित्तीय संकट बताकर उसे लौटा दिया गया। जेल में कई सुधार कार्यक्रम के प्रस्ताव भी टोकरी में डाल दिए गए। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र जैन ने भी जेल के हालात को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मंत्री पीसी शर्मा भी सामने हैं, मप्र की जेलों में (ओवर क्राउडिंग) क्षमता से अधिक कैदी सबसे बड़ी समस्या है।

विजिटर प्रबंधन बताया गया

दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के पहले दिन चार सत्र रखे गये थे। कार्यक्रम बुधवार को भी चलेगा। पहले दिन के पहले सत्र को हिमाचल प्रदेश से आए जेल डीजी सोमेश गोयल ने संबोधित किया। दूसरा सत्र हरियाणा के डीजी के सेल्वाराम ने संबोधित किया।

उन्होंने अपने यहां जेल बंदियों के परिजनों के मुलाकात प्रबंधन पर प्रकाश डाला। तीसरा सत्र बंगाल जेल डीजी अरुण गुप्ता और चौथे सत्र को तमिलनाडु डीजी जेल आशुतोष शुक्ला ने संबोधित किया। कार्यक्रम में बीपीएंडआरडी के आईजी संपत उपाध्याय भी शामिल हुए। यह योजना देश भर के जेल में चल रहे नवाचार से एक दूसरे को अवगत कराने के लिहाज से शुरू की गई