
postgraduate studies (Photo Source- freepik)
MP News: बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में बीते दिन नवगठित बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने की। विश्वविद्यालय के 30 मंडलों के चेयरपर्सन, विभिन्न विभागों के डीन, परीक्षा नियंत्रक, गोपनीय शाखा, वित्त नियंत्रक सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
डेढ़ घंटे चली बैठक में स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के लिए नया मार्किंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया। अब पीजी में मुख्य लिखित परीक्षा 60 अंकों की होगी, जबकि सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) के लिए 40 अंक निर्धारित किए जाएंगे। इससे पहले मुख्य पेपर 70 अंकों का और सीसीई 30 अंकों की थी।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और यूजीसी द्वारा तय क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर पीजी (सीसीएफ-पीजी) के अनुरूप किया गया है। नई व्यवस्था से छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलेगा और केवल अंतिम परीक्षा पर निर्भरता कम होगी।
बैठक के दौरान नए करिकुलम को लेकर भी चर्चा हुई। कुछ सदस्यों ने पीजी में विषय परिवर्तन कर प्रवेश लेने वाले छात्रों को लेकर सवाल उठाए। सदस्यों ने जानना चाहा कि ऐसे छात्रों के लिए नई मार्किंग स्कीम और सीसीई की व्यवस्था कैसे लागू होगी। इस पर विश्वविद्यालय की ओर से कोई ठोस और स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा सका, जिससे बैठक में मौजूद सदस्यों ने असंतोष भी जताया।
विश्वविद्यालय अधिकारियों का कहना है कि सीसीई के अंकों में वृद्धि से छात्रों की नियमित उपस्थिति, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन और आंतरिक परीक्षाओं को अधिक महत्व मिलेगा। इससे छात्रों के पास होने की संभावना भी बढ़ेगी और अकादमिक दबाव कम होगा। बीयू प्रबंधन का मानना है कि यह व्यवस्था सीखने की प्रक्रिया को अधिक सतत और छात्र-केंद्रित बनाएगी।
पुरानी व्यवस्था
मुख्य लिखित परीक्षा- 70 अंक
सीसीई- 30 अंक
नई व्यवस्था
-मुख्य लिखित परीक्षा- 60 अंक
-सीसीई-40 अंक
-सीसीई बढ़ने से छात्रों को क्या होगा फायदा
-केवल अंतिम परीक्षा पर निर्भरता कम होगी।
-असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन और क्लास परफॉर्मेंस को ज्यादा महत्व।
-पास होने की संभावना बढ़ेगी।
-पढ़ाई का दबाव होगा कम, मूल्यांकन
Published on:
16 Dec 2025 11:25 am
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