पढ़ें ये खास खबर- विधायक के फर्जी लेटर हेड वाला रैकेट गिरफ्तार : एक आरोपी स्वास्थ्य मंत्री का चपरासी रह चुका है, तो दूसरा BJP विधायक का कुक
अब क्राइम ब्रांच इनसे करेगी पूछताछ
क्राइम ब्रांच एएसपी गोपाल धाकड़ के मुताबिक, अब पुलिस उन सभी कर्मचारियों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है, जिनके लिए सांसदों के नाम से फर्जी नोटशीट मिली थी।सीधी में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार वीरेंद्र पटेल को पूछताछ के संबंध में नोटिस भेज दिया गया है। देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के नाम से तहसीलदार वीरेंद्र का सीधी से देवास ट्रांसफर की अनुशंसा की गई थी। इसी तरह भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के नाम से भी फर्जी अनुशंसा की गई है।
बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी
बता दें कि, मध्य प्रदेश की भोपाल क्राइम ब्रांच ने बुधवार को विधायकों, सांसदों की फर्जी नोटशीट भेजकर कर्मचारियों के ट्रांसफर की अनुशंसा करने के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का पुराना चपरासी रामगोपाल पाराशर, विधायक रामपाल सिंह का पूर्व कुक रामप्रसाद राही भी शामिल है। आरोपियों ने 30 शासकीय कर्मचारियों की अनुशंसा भेजी थी। पुलिस द्वारा आरोपियों से जब्त किये गए कंप्यूटर की जांच भी कर रही है।
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इस तरह हुआ मामले का खुलासा
क्राइम ब्रांच के ASP गोपाल धाकड़ के अनुसार, शिकायत मिली थी कि, कुछ विधायक, सांसदों के लेटर हेड पर स्थानांतरण के प्रस्ताव सीएमओ वल्लभ भवन में प्राप्त हो रहे हैं। शिकायत की जांच में पता लग कि, सांसद, विधायक के लेडर हेड, नोटशीट फर्जी हैं। पुलिस ने जिन अधिकारियों, कर्मचारियों का प्रपोजल भेजा था, उन्हें नोटिस देकर पूछताछ शुरू की गई तो मामले का खुलासा हुआ।
आरोपी किस तरह करते थे गोरखधंधे को संचालित
-पहला आरोपी जनप्रतिनिधियों के बंगले पर कुक का काम करने वाला राम प्रसाद राही सुनहरी बाग जवाहर चौक का निवासी है। गोरखधंधे में उसका काम था कि, वो फर्जी लेटर हेड तैयार करता था। खुद ही विधायक, सांसद के हस्ताक्षर कर प्रपोजल संबंधित विभाग को भेजता था।
-दूसर आरोपी रायसेन जिले के सिलवानी स्थित ग्राम कानीबड़ा उपयपुरा का रहने वाला लखनलाल फर्जी लेटर हेड में डिस्पेच नंबर अंकित करता था। साथ ही, ट्रांसफर करवाने वाले से अपने खाते में रकम जमा कराता था।
-तीसरा आरोपी हरदा जिले के टिमरनी का रहने वाला रामकृष्ण राजपूत कंप्यूटर ऑपरेटर है। उसका काम लेटरहेड टाइपिंग करना होता था। पूछताछ में सामने आया है कि, मुख्य आरोपियों ने उसे हर लेटर लिखने पर कमीशन देना तय हुआ था।
-चौथा आरोपी दशरथ राजपूत हरदा जिले के खामापड़वा का रहने वाला है। ये भी कंप्यूटर ऑपरेटर ही है, जो रामकृष्ण के साथ मिलकर नोटशीट में प्रपोजल तैयार करता था।
-वहीं, पुलिस गिरफ्त में आय पांचवा आरोपी रामगोपाल पाराशर: मॉडल स्कूल परिसर टीटी नगर, भोपाल का रहने वाला है। वो शिक्षा विभाग में सरकारी भृत्य है। लेटरहेड उपलब्ध कराता था।
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मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर काम कर चुका है मुख्य आरोपी
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि, गिरोह का मुख्य आरोपी रामगोपाल पाराशर मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर चपरासी का काम कर चुका है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि, उसने बताया कि, मंत्री के बंगले से उसने विधायक रामपाल सिंह का एक खाली लेटर हेड चोरी किया था। इसके अलावा कई अन्य जनप्रतिनिधियों के भी फर्जी लेडर हेड उसके पास से मिले हैं।
विधायक रामपाल के बंगले में कुक रहा, उनके ही नाम से 27 लोगों की अनुशंशा की
वहीं, पकड़ा गया दूसरा मुख्य आरोपी रामप्रसाद राही भी विधायक रामपाल सिंह के बंगले में कुक रह चुका है। उसका छतरपुर में ससुराल है। उसने विधायक रामपाल सिंह के फर्जी लेडर हेड, नोटशीट से अकेले छतरपुर के रहने वाले 27 कर्मचारियों की अनुशंशा की है। पुलिस के मुताबिक, रामप्रसाद ने सबसे अधिक नोटशीट भेजी हैं।
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