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सावधान! बिना लक्षण के हो रहे संक्रमित, सीधे जान ले रहा कोरोना, जानिए इन मरीजों की कहानी

locationभोपालPublished: Jan 28, 2022 08:58:40 am

Submitted by:

deepak deewan

कोरोना से जान गंवाने वाले मरीजों की कहानी

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जान गंवाने वाले मरीजों की कहानी

भोपाल. देश—दुनिया की तरह मध्यप्रदेश में भी कोरोना की तीसरी लहर चरम पर है. प्रदेश की राजधानी में तो हर दिन दो हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. बुरी बात यह है कि बिना लक्षण के भी कोरोना का संक्रमण हो रहा है जोकि जानलेवा साबित हो रहा है.
कोरोना के कुछ ऐसे मरीज सामने आए हैं जिनके केस सभी को चिंतित कर रहे हैं.शहर में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, पॉजीटिविटी रेट भी बढ़कऱ 26 से ज्यादा हो गया है. लोगों का मानना है कि इस बार कोरोना ज्यादा गंभीर नहीं है, क्योंकि 95 फीसदी मरीज एसिम्टोमेटिक हैं और होम आईसोलेशन में हैं.
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लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तफाक नहीं रखते. विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी एसिम्टोमेटिक कोरोना भी गंभीर दर्द दे सकता है. ऐसे ही दो मरीजों की कहानी सामने आई है जो कोरोना से अपनी जान गंवा बैठे. दोनों एसिम्टोमेटिक थे लेकिन अन्य बीमारियां हावी हो गईं.
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सोमवार को दर्ज इस साल की सबसे युवा कोरोना मरीज की मौत हुई, वो एसिम्टोमेटिक थीं. वहीं सप्ताह भर में कोरोना से जिंदगी हारने वाली सबसे उम्रदराज मरीज को भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे.
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डायलिसिस से पहले टेस्ट में पॉजीटिव, दो दिन में मृत्यु
24 जनवरी को 30 साल की युवती की मृत्यु हुई। उनके भाई ने बताया कि बीते साल जुलाई में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। कुछ दिन पहले वे रुटीन डायलिसिस के लिए अस्पताल गई तो बताया कि ब्लडप्रेशर कम है, एडमिट करना पड़ेगा। एडमिट करने के लिए नियमानुसार कोविड टेस्ट कराया जो पॉजीटिव आया। युवती को कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन ब्लड प्रेशर और ऑर्गन फेलियर के चलते मृत्यु हो गई।

सावधानी के चलते कराया टेस्ट, पॉजीटिव आई और मृत्यु
95 साल की बुजुर्ग महिला को भी कोविड के कोई लक्षण नहीं थे। पोते के अनुसार परिवार में कई लोग पॉजीटिव हो चुुके थे। दादी कुछ खा नहीं रहीं थी तो सोचा अस्पताल में ग्लूकोज लगवा दें। अस्पताल में हुए टेस्ट में वे पॉजीटिव आ गई। दस दिन भर्ती रहने के बाद मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने मौत की वजह ऑर्गन फैलियर बताई।

टेस्ट जरूर कराएं
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि वायरस अपना असर जरूर दिखाता है, मरीजों को दूसरी दिक्कतें भी रहती हैं। अगर कोई दिक्कत हो रही हो तो टेस्ट जरूर करा लें। थोड़ी सी भी परेशानी है तो हल्के में न लें।

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