गौरतलब है कि टीएंडसीपी ने मास्टर प्लान 2031 का ड्राफ्ट शासन को काफी पहले ही भेज दिया है। पहले इसे नवंबर के अंतिम सप्ताह में जारी करने के लिए पत्राचार हुआ था। बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ड्राफ्ट को खुद देखने की मंशा जाहिर की। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने इसके प्रावधानों पर चर्चा की है और उन्होंने ही इसे विस्तारित करने के कुछ नए प्रावधान और जोड़कर ड्राफ्ट जारी करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि इसे दिल्ली एनसीआर की तरह थोड़ा विस्तारित करें ताकि आसपास के शहरों तक प्लान का लाभ पहुंचे। इसे इस तरह बनाया जाएगा, जिससे सीहोर का मास्टर प्लान भी इसका ही हिस्सा लगे। संभवत: टीएंडसीपी के अफसरों को कुछ नए प्रावधान जोडऩे होंगे, उसके बाद ही ड्राफ्ट जारी होगा।
हालांकि इस काम को जल्द पूरा करने का कहा है, ताकि ड्राफ्ट जल्द जारी हो सके।
मेट्रो लाइन से एफएआर और मिक्सलैंड यूज से काफी बदलेगा शहर मास्टर प्लान के दो बड़े प्रावधान भोपाल के एक नई सूरत देंगे। मेट्रो लाइन से 200 , 300 मीटर व 500 मीटर तक की दूरी तक एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव ट्रैक से कुछ सौ मीटर तक बहुमंजिला इमारतों की शृंखला बना देगी। 12 से 18 मीटर तक की रोड किनारे मिक्सलैंड यूज का प्रावधान शहर में नए व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करेंगे। ये सरकार की कमाई का एक नया और बड़ा जरिया भी रहेगा। मास्टर प्लान 2031 में टीओडी पॉलिसी शामिल होगी। इसके तहत बेस एफएआर तय होगा, उसके बाद मेट्रो लाइन से तय दूरी की जद में आने वालों को अतिरिक्त एफएआर दी जाएगी। एफएआर की जरूरत पर वो खरीदी कर सकेंगे।
मेट्रो लाइन से एफएआर और मिक्सलैंड यूज से काफी बदलेगा शहर मास्टर प्लान के दो बड़े प्रावधान भोपाल के एक नई सूरत देंगे। मेट्रो लाइन से 200 , 300 मीटर व 500 मीटर तक की दूरी तक एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव ट्रैक से कुछ सौ मीटर तक बहुमंजिला इमारतों की शृंखला बना देगी। 12 से 18 मीटर तक की रोड किनारे मिक्सलैंड यूज का प्रावधान शहर में नए व्यवसायिक क्षेत्र विकसित करेंगे। ये सरकार की कमाई का एक नया और बड़ा जरिया भी रहेगा। मास्टर प्लान 2031 में टीओडी पॉलिसी शामिल होगी। इसके तहत बेस एफएआर तय होगा, उसके बाद मेट्रो लाइन से तय दूरी की जद में आने वालों को अतिरिक्त एफएआर दी जाएगी। एफएआर की जरूरत पर वो खरीदी कर सकेंगे।
भोपाल मास्टर प्लान में सभी क्षेत्रों के विकास का दृष्टिकोण होगा। इसे जल्द जारी किया जाएगा। इससे अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता।
जयवद्र्धन सिंह, मंत्री शहरी आवास एवं विकास
जयवद्र्धन सिंह, मंत्री शहरी आवास एवं विकास