पं. प्रहलाद पंड्या का कहना है कि भद्रा का वास पाताल में रहेगा, इसलिए यह अशुभ नहीं है, फिर भी भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। ज्योतिष मठ संस्थान के पंडित विनोद गौतम का कहना है कि आमतौर पर पूर्णिमा के दिन भद्रा की स्थिति रहती है। इस बार होलिका दहन के दिन भी सुबह से रात्रि तक भद्रा रहेगी। इसलिए भद्रा खत्म होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। पं. जगदीश शर्मा का कहना है कि पाताल की भद्रा रहेगी, इसलिए यह अशुभ नहीं होगी। इसलिए होलिका दहन में कोई दिक्कत नहीं है। शुभ मुहूर्त में होलिका दहन कर सकते हैं।
इस बार 14 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जााएंगे। इसी के साथ होली की तैयारियां तेज हो जाएगी। इसी प्रकार 20 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 21 मार्च को धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। धुलेंडी पर लोग रंग, अबीर, गुलाल लगाकर होली मनाएंगे। इस मौके पर शहर में जगह-जगह चल समारोह निकाले जाएंगे। हिन्दू उत्सव समिति की ओर से भी पुराने शहर से 21 मार्च को रंगारंग चल समारोह निकाला जाएगा। समिति के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने बताया कि आकर्षक झांकियों के साथ यह चल समारोह निकाला जाएगा।