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कॉलेज छात्राओं को दिया जाता था ये काम
पूछताछ में पता चला है कि, गैंग की महिलाएं सुंदर दिखने वाली इन नई नवेली कॉलेज छात्राओं को रसूखदारों की पूरी जानकारी मुहैय्या कराती थीं। फिर इनका काम होता था, उन तक पहुंच बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसाना। इसके बाद गैंग की मुख्य आरोपी महिलाएं योजनाबद्ध ढंग से अधिकारियों या रसूखदारों को हनीट्रैप के जाल में फंसा लेती थीं। सीआईडी अब उन छात्राओं का बायोडाटा इक्ट्ठा करके उन तक पहुंच बनाने में जुटी हुई है।
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इस वजह से CID को सौंपा गया कैस
जब से इस बहुचर्चित हनी ट्रैप कांड के साथ मानव तस्करी का चौंकाने वाला मामला भी उजागर हुआ है, तभी इस मामले की जांच पुलिस और एसआईटी के अलावा सीआईडी को भी सौंप दी गई है। जांच के दौरान सीआईडी ने मानव तस्करी में भोपाल और छतरपुर में रहने वाली दो महिलाओं को आरोपी बनाया है। हनी ट्रैप में फंसी राजगढ़ की आरोपी छात्रा के पिता की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने जीरो पर दोनों महिला आरोपियों पर मानव तस्करी की एफ.आई.आर दर्ज कर केस डायरी भोपाल के अयोध्या नगर थाने भेजी थी। तभी से एक बार फिर दोनों महिलाओं को सीआईडी ने रिमांड पर ले रखा है और अपने ढंग से पूछताछ शुरु कर दी है। सूत्रों की माने इस पूछताछ में आरोपी महिलाओं कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं, जिसे उजागर भी नहीं किया जा सकता।
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IAS अफसर ने ख़रीद कर दिया था फ्लैट
महिलाओं से हुई अन्य अन्य पूछताछ में सामने आया कि, गैंग का एक फ्लेट भोपाल के अयोध्या नगर इलाके में भी है। यहीं से गैंग रसूखदारों को हनीट्रैप में फंसाने और छात्राओं लाकर रखने का काम करती थी। इसी फ्लैट में राजगढ़ की छात्रा को रखा गया था। छात्राओं को यहीं से रसूखदारों को फंसाने के लिए भेजा जाता था। आरोप तो यहां तक लगा है कि, महिलाओं को ये फ्लैट भी एक आईएएस अधिकारी ने छतरपुर की आरोपी महिला को दिलाया था।
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इस तरह पहले छात्राओं से की जाती थी डील
पूछताछ में सामने आया है कि, सबसे पहले महिलाओं ने राजगढ़ की छात्रा से संपर्क साधा, जो पढ़ाई के लिए भोपाल ही में रहती थी। उसके बाद अलग अलग कॉलेजों की ऐसी छात्राओं से संपर्क साधा, जो सुंदर तो हों, लेकिन शहर में रहने वाले दोस्तों के बीच अपना स्टेटस मेंटेन नहीं कर पाती हों। आरोपी महिलाओं द्वारा ऐसी छात्राओं की पहले योजनाबद्ध रूप से रेकी की जाती थी, फिर इनसे संपर्क कर उन्हें कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर बहलाया फुसलाया जाता था। जो छात्राएं इनके झांसे में आ जाती थीं, उन्हें अयोध्या नगर स्थित फ्लैट पर ही हनीट्रैप का खेल समझाया जाता था। पूछताछ में सामने आया है कि, ये छात्राएं भोपाल के ही कॉलेजों में पढ़ाई करती थीं या अब भी कर रही हैं। छात्राओं के जरिये योजना के तहत कई रसूखदारों को इसी फ्लैट में लाकर हनीट्रैप का शिकार बनाया जाता था। जानकारी मिली है कि, इस खेल में एक आईएएस अफसर भी शामिल हो सकता है।