
internet in school
राजीव जैन @भोपाल. कोरोनाकाल में बच्चों ने ऑनलाइन ही पढ़ाई की। इस दौरान बिना इंटरनेट वाले गांवों में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि इंटरनेट से जोडऩे पर बीते कई वर्षों से काम किया जा रहा है, लेकिन कोरोना काल से ही स्कूलों को इंटरनेट से जोडऩे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। Madhya Pradesh में अब भी 18805 स्कूल ही इंटरनेट से जुड़ पाई हैं। करीब 14 फीसदी का यह आंकड़ा अब भी काफी कमजोर है। वहीं देश के कई राज्यों में हमसे स्थिति बहुत अच्छी है। केंद्र शासित चंडीगढ़ 97.38 और लक्ष्यद्वीप में 93 फीसदी स्कूलों में इंटरनेट है। देश का कुल औसत 22.28 फीसदी है, इस लिहाज से प्रदेश को अभी बहुत काम करने की जरूरत है। वर्ष 2020-21 में समग्र शिक्षा (Samagra Shiksha abhiyan) में स्मार्ट क्लासरूम का प्रावधान किया गया। इस पर भी करीब 16.80 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
शिक्षक ने अपने खर्च से बनाई स्मार्ट क्लास
सीहोर जिले के कोडिया छीतू गांव के माध्यमिक स्कूल में यहां के शिक्षक संजय सक्सेना ने अपने खर्च पर स्मार्ट क्लास बनाई है। करीब 76 हजार रुपए का खर्च कर 52 इंच एइलडी स्क्रीन लगाई है। वे अपने मोबाइल से इंटरनेट कनेक्ट करके 17 दिसंबर 2021 से आठवीं तक के बच्चों को इंटरनेट के जरिए शैक्षणिक गतिविधियों के वीडियो देखकर ज्ञान बढ़ा रहे हैं।
स्कूल में इंटरनेट वाले टॉप राज्य
चंडीगढ़ 97.38
लक्ष्यद्वीप 99.33
केरल 87.84
दिल्ली 85.69
दमन और दीव 74.45
गुजरात 70.76
स्कूल में इंटरनेट वाले बॉटम राज्य
त्रिपुरा 3.85
मेघालय 3.88
लद्दाख 5.41
असम 5.82
अरुणाचल 8.37
बिहार 8.50
स्कूल में इंटरनेट के फायदे
- बच्चे ऑनलाइन दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शिक्षक से सीधे संवाद कर सकते हैं।
- यदि किसी स्कूल में विषय विशेषज्ञ नहीं है तो दूसरी स्कूल के विशेषज्ञ शिक्षक भी छात्रों को पढ़ा सकते हैं।
- क्लास ऑनलाइन हो तो किसी कारण स्कूल नहीं जा सकने वाले भी घर बैठे ही पढ़ सकते हैं।
- इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो से छात्रों की पढ़ाई की जा सकती हैं।
- ऑनलाइन लाइब्रेरी से बच्चों को पढ़ाई में आसानी होगी।
Published on:
01 Apr 2022 01:35 am
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