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एमपी में वेतन पर बड़ा अपडेट, विभिन्न विभागों के 36 सेगमेंट में सेलरी के लिए सरकार के पास नहीं बचा पैसा

Jitu Patwari's big statement on salary in MP मध्यप्रदेश की माली हालत खराब हो रही है। राज्य सरकार को बार बार कर्ज लेना पड़ रहा है।

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Increase in salary of contract employees of Poultry Development Corporation

Increase in salary

मध्यप्रदेश की माली हालत खराब हो रही है। राज्य सरकार को बार बार कर्ज लेना पड़ रहा है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं है। विभिन्न विभागों के कई सेगमेंट के कर्मचारियों को सेलरी नहीं मिल पा रही है। कर्ज लेकर सरकार चलानी पड़ रही है और बिना केंद्र की गारंटी के कर्ज भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने लाड़ली बहना योजना पर भी राज्य सरकार को घेरा।

एमपी सरकार को बार बार बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है। राज्य की इस वित्तीय स्थिति पर प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक वीडियो जारी किया है। अपने एक्स हेंडल पर जारी इस ​वीडियो में पटवारी ने कहा कि राज्य की माली हालत बेहद खराब हो चुकी है। वेतन भत्ते देने के लिए भी राज्य सरकार के पास पैसे नहीं हैं, इसके लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।

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जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि आर्थिक हालात इतने बुरे हो गए हैं कि कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए राज्य सरकार अपनी संपत्तियां बेचने में लगी है। उन्होंने कहा कि अलग अलग विभागों के 36 सेगमेंट के कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है। इन सेगमेंट के कर्मचारियों को समय पर सेलरी नहीं मिल रही है।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने वीडियो में लाड़ली बहना योजना पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि योजना में 3.50 लाख बहनों के नाम काट दिए हैं। एक तरफ सीएम मोहन यादव बोलते हैं कि बहनों चिंता मत करना, मैं इसकी राशि 3 हजार रुपए तक कर दूंगा दूसरी तरफ सरकार के वित्त मंत्री कहते हैं कि हमारे पास इसका बजट ही नहीं है।

वीडियो में क्या कहा जीतू पटवारी ने…
प्रदेशवासियों, मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति दिवालिएपन की ओर है। मध्यप्रदेश सरकार के हालात ऐसे हो गए हैं जब तक भारत सरकार गारंटी नहीं देती है तब तब इनको कोई कर्ज नहीं देता है। अभी 6 हजार करोड़ का कर्ज लिया है, इसके लिए इतने गिड़गिड़ाए, इतने गिड़गिड़ाए…नाक रगड़कर कर्ज लिया… आर्थिक हालात ऐसे हैं अलग अलग विभागों के कर्मचारियों के 36 सेगमेंट, उनकी समय पर सेलरी नहीं मिली, अलग अलग 36 सेगमेंट की सेलरी टाइम पर नहीं मिल रही है
राज्यभर की सरकारी संपत्तियों को बेचकर राशि जुटाई जा रही है, कौ​ड़ी के दाम संपत्तियां बेची जा रहीं हैं… प्रदेश के 40 प्रतिशत वन बेचने की तैयारी चल रही है, इसके लिए पूरा डिपार्टमेंट लगा है कि क्या बिक जाए…टूरिज्म विभाग, वन विभाग, बिजली विभाग, नजूल की जमीनों, मंदिरों की जमीनों पर सरकार की नजर है।