मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ सोमवार को दोपहर में जूनियर डाक्टरों के साथ बातचीत हुई थी। वे मंत्री के बंगले पर बातचीत के लिए पहुंचे थे। बताया जाता है कि जूनियर डाक्टरों का एक वर्ग हड़ताल खत्म के पक्ष में हो गया, जबकि कुछ लोग इसके खिलाफ थे। जूडा में पड़ी फूट के कारण हड़ताल खत्म हो गई है।
विश्वास सारंग ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी चिकित्सक काम पर लौट आए हैं। ग्वालियर में तो सुबह से काम शुरू हो गया। बाकी मेडिकल कालेज में भी काम शुरू हो गया। फिर हमने उनसे बात की। 17 प्रतिशत स्टायपेंड में इंक्रीमेंट की बात हुई थी जो हम उन्हें दे रहे हैं।
गौरतलब है कि जबलपुर हाईकोर्ट की ओर से जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को अवैध करार दिया गया था और 5 मेडिकल कालेजों के जूनियर डाक्टरों को बर्खास्त करने के बाद जूनियर डाक्टर आरपार की लड़ाई लड़ रहे थे। इस बीच तीन हजार जूनियर डाक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था। एसोसिएशन का कहना था कि हमारी हड़ताल खत्म करवाने के लिए हमारे घरों पर पुलिस भेजी जा रही है। सरकार कह रही है कि डाक्टर ब्लैकमेल कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। यदि ब्लैकमेल करना ही होता तो जब अस्पताल में ज्यादा मरीज भर्ती थे, तब करते।
मध्यप्रदेश में 3500 से अधिक जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, कोविड की सेवाएं ठप करने की चेतावनी
-इधर, भोपाल में जूडा का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मिला। मंत्री से मुलाकात के बाद जूडा के पदाधिकारियों ने कहा है कि हमारी सभी मांगों पर कमेटी बना दी गई है, इसलिए हड़ताल वापस ली गई है। इससे पहले जूडा लिखित आदेश करने पर अड़े हुए थे।
हाईकोर्ट बोला- जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल असंवैधानिक, यह ब्लैकमेलिंग का समय नहीं
जूनियर डाक्टरों की एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा के मुताबिक हम हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री और जूडा पदाधकारियों की बैठक हुई जिसमें कमेटी बना दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुबंध को लेकर कमेटी दो माह में अपना फैसला लेगी। इन फैसलों के कारण हम हड़ताल वापस लेकर काम पर लौट रहे हैं।
उधर, ग्वालियर और रीवा से खबर है कि जूडा पदाधिकारियों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया है। ग्वालियर में जूडा काम पर लौट भी आए हैं। ग्वालियर जूड़ा के जिला अध्यक्ष डा. देवेंद्र शर्मा के मुताबिक हमारी मांगे मान ली गई है। अब मरीजों के लिए हम वापस लौट रहे हैं। इससे पहले 46 सीनियर रेजीडेंस भी काम पर लौट आए हैं। इन 46 सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया था।
यह थी मांगें
रविवार को क्या हुआ
पिछले एक सप्ताह से हड़ताल कर रहे जूडा ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री के साथ बातचीत में हड़ताल खत्म नहीं की थी। जबकि तीन मांग और जोड़ दी गई थी। जूडा ने मंत्री से कहा था कि हमने जूडा की मांगें पहले ही मान ली थीं। जूडा हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान कर काम पर वापस लौटने की अपील की थी। मंत्री से मिलने के बावजूद जूडा के अरविंद मीणा ने कहा था कि हम मंत्रीजी से मिलने खुद आए थे। हम हड़ताल खत्म करना चाहते हैं, लेकिन मंत्रीजी ने हमारी मांगों को लेकर कोई आदेश नहीं दिया, न ही कोई मीडिया के सामने आश्वासन दिया। इसलिए हड़ताल जारी रहेगी।