9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रदेश को लेकर झूठ बोल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

हमने ढाई लाख नहीं, 2 लाख तक के कर्ज माफी का वादा किया था

2 min read
Google source verification
mp election

mp election

भोपाल . मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल में दिए उस भाषण पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने प्रदेश की कर्ज माफी योजना पर सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि पीएम मोदी आखिर कब झूठ बोलना बंद करेंगे। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि अभी कजऱ़् माफ़ी की प्रक्रिया चल रही है। किसी का 13 रुपए का कजऱ़् अभी माफ़ हुआ ही नहीं है। हमने ढाई लाख नहीं, 2 लाख तक के कर्ज माफी का वादा किया था, जिसे हम हर हाल में पूरा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि यह सही है कि आपकी पार्टी की पिछली सरकार के समय के फर्जी किसान ऋण के मामले हमारे सामने रोज आ रहे हैं। जिन्होंने कर्ज लिया नहीं, जिन्होंने चुका दिया, उनके नाम भी सूचियों में आ रहे हंै, लेकिन हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि ऐसा घोटाला करने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं। उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और ऐसे लोगों के मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देंगे।

वचनपत्र पर राहुल को प्रजेंटेशन देंगे
सीएम कमलनाथ वचनपत्र पूरा करने में राजस्थान-छत्तीसगढ़ से आगे नजर आ रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी तारीफ की है। कमलनाथ दिल्ली में राहुल गांधी को कर्जमाफी सहित पूरी की जा रही अन्य घोषणाओं पर प्रजेंटेशन देंगे। वे शनिवार शाम दिल्ली रवाना हो गए। रविवार को वे राहुल गांधी के साथ पटना जाएंगे। उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया है।

किसी का विवादित बयान सामने न आए
सीएम ने दिल्ली रवाना होने से पहले कुछ मंत्रियों के साथ वल्लभ भवन में बैठक की। कमलनाथ ने ये हिदायत भी दी कि उनकी गैर मौजूदगी में किसी भी मंत्री के विवादित बयान सामने नहीं आने चाहिए। आभार रैली में ज्यादा किसान जुटाने के लिए भी कहा है।

दिग्विजय सरकार के समय बंद कैट फिर शुरू होगी

इधर, दिग्विजय शासनकाल में बंद हुए राज्य प्रशासनिक अभिकरण (कैट) को कमलनाथ सरकार फिर शुरू करने की तैयारी में है। इसकी लेकर फाइल चल पड़ी है। सरकार उन कारणों को भी जानने का प्रयास कर रही है, जिसकी वजह से केट में तालाबंदी की गई थी। मध्य्रदेश में वर्ष 1986 से 2003 तक केट का काम-काज होता रहा। साल 2003 के अंत में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया था। यहां पदस्थ अमला भी हाईकोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया। कर्मचारियों ने विरोध भी किया, क्योंकि इस वजह से कर्मचारियों को विभागीय मामलों के निराकरण के लिए अब हाईकोर्ट जाना पड़ता है। ज्यादा पेंडिंग मामलों की वजह से इनके निराकरण में भी देरी होती है।

केट की स्थापना को लेकर कर्मचारियों ने मांग की है। कर्मचारियों की मांग पर विचार हो रहा है।
पीसी शर्मा, विधि मंत्री मध्यप्रदेश शासन