6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बुंदेलखण्ड की सियासी नब्ज टटोलेंगे कमलनाथ, दिग्विजय

लगातार तीन-चार बार हारी सीटों पर पार्टी का फोकस

2 min read
Google source verification
बुंदेलखण्ड की सियासी नब्ज टटोलेंगे कमलनाथ, दिग्विजय

बुंदेलखण्ड की सियासी नब्ज टटोलेंगे कमलनाथ, दिग्विजय

भोपाल। सत्ता वापसी के लिए कांग्रेस ने फोकस की मजबूती के साथ विधानसभा क्षेत्रों की जमीनी हकीकत देखना शुरू किया है। पार्टी का फोकस उन विधानसभा सीटों पर अधिक है, जहां से कांग्रेस को लगातार तीन-चार बार से हार का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) बुंदेलखण्ड क्षेत्र की सियासी नब्ज टटोलेंगे। इसके लिए कार्यक्रम तैयार हो गए हैं। दिग्विजय बैठकें करेंगे, वहीं कमलनाथ जनसभा को संबोधित करेंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके मुकाबले भाजपा लाभ में रही। बुदेलखण्ड जिले की कई सीटें तो भाजपा का गढ़ हैं। कांग्रेस यहां सेंध नहीं लगा पाई है। सागर जिले की रहली विधानसभा सीट भाजपा का गढ है। यहां से मंत्री गोपाल भार्गव लगातार आठ बार से विधायक हैं। वहीं इसी जिले की खुरई विधानसभा सीट भी कांग्रेस के लिए अभेद किला मानी जा रही है। खुरई से मंत्री भूपेन्द्र सिंह विधायक हैं। इसी जिले की सुरखी विधानसभा सीट कांग्रेस की थी, लेकिन गोविंद सिंह राजपूत के भाजपा में चले जाने के कारण यह सीट अब भाजपा के खाते में है। वहीं बीना, सागर, नरयावली विधानसभा सीट भी भाजपा के लिए मजबूत सीटों में मानी जाती है।

पांच दिनों तक रहेगा डेरा -दिग्विजय सिंह लगातार पांच दिनों तक बुंदेलखण्ड विधानसभा क्षेत्रों में डेरा डालेंगे। इसकी शुरूआत 10 अप्रेल से होगी। वे 10 को शमशाबाद, कुरवई, 11 को बीना, खुरई, 12 को सुरखी, सागर, 13 को नरयावली, सागर और 14 अप्रेल को हटा और पथरिया विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे मण्डल, सेेक्टर की बैठकें लेंगे। पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। कार्यकर्ता सम्मेलन में भी शामिल होंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 20 अप्रेल को बीना विधानसभा क्षेत्र में जनसभा करेंगे। कमलनाथ इसके पहले बुंदेलखण्ड के अन्य क्षेत्रों में भी सभाएं कर चुके हैं।