क्या होती है किडनी स्टोन
किडनी स्टोन को गुर्दे की पथरी (renal calculi, nephrolithiasis, urolithiasis) भी कहते हैं। यह मिनरल्स और नमक से बनी एक ठोस जमावट होती है जिसका आकार एक रेट के दाने इतना छोटा और गोल्फ के गेंद जितना बड़ा हो सकता है। किडनी का काम अपशिष्ट पदार्थों और तरल पदार्थों की अधिक मात्रा को शरीर से बाहर निकालना है। शरीर में पानी की कमी, पथरी का मुख्य कारण है। दरअसल, यूरिक एसिड (मूत्र का एक घटक) पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है।
जानिए क्या हैं किडनी स्टोन के लक्षण…
– गुर्दे की पथरी से पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है, जो कुछ मिनटो या घंटो तक बना रह सकता है।
– गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोग अक्सर लगातार या दर्द के साथ पेशाब आने की शिकायद करते हैं। ऐसा तब होताहै जब गुर्दे की पत्थरी मूत्रमार्ग में मूत्राशय से चली जाती है।
– गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोगों के लिए एक आम समस्या है, विशेषकर कमर और कमर के निचले हिस्से में (ठीक पसलियों के नीचे जहां गुर्दे स्थित होते हैं)। दर्द पेट के निचले हिस्से से पेट और जांध के बीच के भाग में जा सकता है। यह दर्द तीव्र होता है और तंगों की तरह उठता है।
– किडनी स्टोन से पीड़ित लोगों का यूरीन अक्सर गुलाबी, ग का आने लगता है और स्टोन के बढ़ने से मूत्रमार्ग ब्लॉक हो जाता है, किडनी में पथरी वाले लोगों के यूरीन में बल्ड के टिग्नेस आ सकते हैं।
– पेट में गड़बड़ महसूस करना और मिचली आना किडनी स्टोन के शुरूआती संकेतों में से एक है।
ऐसे करा सकते हैं इलाज
लक्षण के आधार पर जांच का तरीका तय होता है। रेडियोलॉजिकल इंवेस्टिगेशंस जैसे- एक्सरे, अल्ट्रा-सोनोग्राफी या कम्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सिटी) के जरिये पथरी की पुष्टि होती है। इनमें से सिटी स्कैन सबसे अधिक मानक है। पथरी का उपचार इसके आकार और जगह पर निर्भर करता है।
किडनी स्टोन में क्या नहीं पीना चाहिए ?
अंडा, मछली, लाल मांस, ***** का मांस, जानवरों के अंदरूनी अंग आदि का सेवन न करें। कैलशियम ऑक्सलेट वाले किडनी स्टोन में दूध से बनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। दूध, पनीर, घी, मक्खन आदि का सेवन न करें।