भोपाल

किडनी फेल कर रहा ये बैक्टीरिया, घर में पालते हैं जानवर तो हो जाएं सावधान

Leptospirosis bacteria causing kidney failure of pet lovers पालतू जानवरों के कारण खतरनाक रोग फैल रहा है जिससे किडनी फेल हो जाती है।

भोपालMar 19, 2024 / 06:04 pm

deepak deewan

जानवरों के मल—मूत्र से निकलनेवाला बैक्टीरिया

Leptospirosis bacteria causing kidney failure of pet lovers- क्या आप भी जानवर पालने के शौकीन हैं! यदि हां, तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है। पालतू जानवरों के कारण खतरनाक रोग फैल रहा है जिससे किडनी फेल हो जाती है। यहां तक कि लोगों की मौतें भी हो रहीं हैं। जानवरों के मल—मूत्र से निकलनेवाला बैक्टीरिया यह खतरनाक रोग फैला रहा है।
एमपी के उमरिया में दो बच्चों की मौत हो गई। जांच के बाद पता चला कि वे खतरनाक रोग लेप्टोस्पायरोसिस से ग्रस्त थे। इसी रोग से प्रभावित एक युवक की हालत भी गंभीर बनी हुई है। उमरिया में तो बंदरों के कारण यह रोग पसरा है लेकिन विशेषज्ञ और डाक्टर्स बताते हैं कि किसी भी पालतू जानवर से भी यह रोग फैल सकता है।
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उमरिया के एपिडेमियोलाजिस्ट अनिल सिंह के अनुसार लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों के मल-मूत्र से फैलता है। जंगली जानवरों या पालतू जानवरों के मल मूत्र से प्रदूषित पानी या मिट्टी से बैक्टीरिया फैलता है। गंदे पानी को पीने या मुंह धोने से रोग का खतरा बना रहता है। लेप्टोस्पायरोसिस का यह बैक्टीरिया नाक, मुंह और आंखों से शरीर के अंदर आ जाता है और लोगों को प्रभावित कर देता है।
लक्षण दिखते ही करें इलाज
इस रोग से ग्रसित होने पर प्राय: तेज सिरदर्द होता है और ठंड के साथ तेज़ बुखार आ जाता है। मांसपेशियों में दर्द शुरु हो जाता है। पेट दर्द होने लगता है और कई प्रभावितों को पीलिया भी हो जाता है। इससे प्रभावित मरीजों की आँखें लाल हो जाती हैं। इसके अलावा उल्टी आना, दस्त लगना भी इस रोग के लक्षण हैं।
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दिक्कत ये है कि ये सभी लक्षण अन्य सामान्य या गंभीर बीमारियों के भी हैं जिसके कारण इसे शुरुआत में लेप्टोस्पायरोसिस का केस नहीं समझा जाता। ऐसे में संक्रमित मरीजों से दूसरे लोगों में भी यह रोग फैलता रहता है।
लीवर और किडनी तक फेल- लेप्टोस्पायरोसिस की शुरुआत में ठंड के साथ बुखार आता है और प्राय: लोग ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ समय बाद इसके लक्षण फिर से उभरते हैं। यह स्थित बहुत गंभीर होती है। प्रभावित मरीज को मेनिनजाइटिस की आशंका रती है। इतना ही नहीं, लीवर और किडनी तक फेल हो सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस से पालतू जानवर भी प्रभावित हो जाते हैं। हाल के वर्षों में पालतू जानवरों में यह रोग तेजी से बढ़ा है।

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