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भोपाल. बेटे को पाल-पोसकर बड़ा किया, उम्मीद थी कि वो बुढ़ापे में सहारा बनेगा, लेकिन लव मैरिज करने के बाद बेटा माता-पिता से अलग रहने लगा। डॉक्टर को दिखाने के लिए बुलाते थे पर नहीं आता था। वजह थी पत्नी, जिसकी सास-ससुर के साथ पटरी नहीं बैठी। आए दिन घर में झगड़े होने लगे। बेटे ने पत्नी को समझाने की जगह खुद ही उसकी बात मानकर माता-पिता से किनारा कर लिया। परेशान माता-पिता ने एसडीएम गोविंदपुरा के यहां आवेदन देकर बेटे से मिलने की इच्छा जताई। एसडीएम ने बहू को समझाइश देकर परिवार को एक कर दिया। खास बात है कि बेटे की इच्छा के अनुसार उसका विवाह कराने में बुजुर्ग दम्पती की अहम भूमिका थी। शादी का खर्चा भी इन्होंने ही उठाया था।
हथाईखेड़ा निवासी रेणुका भावसार ने गोविंदपुरा एसडीएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद एसडीएम मनोज उपाध्याय ने नोटिस जारी कर बहू और बेटे को पेशी पर बुलाया। बातचीत में पता चला शादी के बाद घर में बात-बात पर झगड़े होने लगे। माता-पिता बीच में आते तो उनसे भी बहू एक-दो बात कह देती थी। हालात यहां तक आ गए कि बेटे को बीडीए कॉलोनी महर्षि पतंजलि परिसर गोंदरमऊ में किराए का मकान लेकर रहना पड़ा। इस दौरान बेटा कभी-कभी मिलने आता था, लेकिन इसको लेकर भी बहू ने आपत्ति जताई। इसकी वजह से बेटे ने आना-जाना तक बंद कर दिया। एसडीएम की समझाइश के बाद बहू मान गई और बेटे को मिलने के साथ परिवार के साथ रहने की हां भी की है। जल्द ही पूरा परिवार फिर से हथाईखेड़ा के घर में रहेगा।
माता-पिता ने बेटे को लेकर आवेदन किया था। बहू की वजह से कुछ परेशानी थी। समझाइश के बाद अब पूरा परिवार साथ रहने को सहमत है।
मनोज उपाध्याय, एसडीएम गोविंदपुरा
Published on:
09 Feb 2019 09:08 am
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