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प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को हर स्तर पर संतुलन के लिए मजबूर होना पड़ा। यही वजह रही कि पूर्व मंत्री जयंत मलैया, अजय विश्नोई और वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा का नाम भी सूची में है। मलैया और विश्नोई की वीडी शर्मा (vd sharma) से पटरी नहीं बैठ रही है, लेकिन इनका नाम भी शामिल करना पड़ा।
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दरअसल, लंबे समय से भाजपा संगठन यह कह रहा था कि इस बार कार्यसमिति छोटी होगी। सौ से ज्यादा नाम नहीं होंगे, लेकिन बड़े नेताओं में संतुलन बनाने की मजबूरी के चलते जंबो सूची बनानी पड़ी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी, मेघराज जैन व बाबूलाल जौन समेत कई वरिष्ठ नेता सूची में नहीं हैं। इस जंबो टीम के बावजूद अभी प्रकोष्ठ विभाग और प्रवक्ता-पैनलिस्ट के नाम आना बाकी हैं। साथ ही मोर्चों और जिलों की कार्यकारिणी भी आना है।
तो भारतीय जाति पार्टी हो जाती
कार्यसमिति की सूची पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने पदाधिकारियों की सूची के आगे से जाति का कालम हटा दिया, नहीं तो आज से यह ‘भारतीय जाति पार्टी’ बन जाती।
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अब एक टीम में विरोधी झा-पवैया
स्थाई आमंत्रित सदस्यों में सिंधिया के विरोधी माने जाने वाले प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया भी शामिल हैं। स्थाई आमंत्रित सदस्यों में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमित्रा महाजन और जयभान सिंह पवैया का शामिल होना विशेष रहा। वहीं, इसके अलावा भोपाल से कृष्णा घाडगे और इंदौर से प्रमोद टंडन का नाम भी सिंधिया समर्थक के तौर पर शामिल किया गया है।
हारे मंत्रियों को भी जगह
सिंधिया समर्थक हारे मंत्री भी नई टीम में शामिल किए गए। इनमें एंदल सिंह कंसाना और इमरती देवी को कार्यसमिति सदस्य बनाया गया, जबकि गिर्राज दंडोतिया को विशेष आमंत्रित सदस्य रखा है।
मंत्री-सांसद समेत अन्य
नई टीम में मंत्री, सांसद और विधायक समेत अन्य पदाधिकारी भी हैं। वहीं 26 विधायक और 19 मंत्री हैं। विशेष आमंत्रित सदस्यों में 8 लोस सांसद, 1 राज्यसभा सांसद और 25 विधायक हैं। सिंधिया समर्थक सभी मंत्रियों को रखा गया है।