Must See: सराफा कारोबारियों से पुलिस ने लूटे थे 60 लाख
टेंडर मेडिकल संचालक की फर्म को ही मिला। इस दौरान तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी थे, जो अभी भोपाल सीएमएचओ हैं। अब यह मामलाआर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) पहुंच गया है। जांच एजेंसी ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला 2017 का है। सीएमएचओ कार्यालय सीहोर ने अंधत्व निवारण की दवा और उपकरण खरीदी के लिए टेंडर बुलाए थे। टेंडर के जरिए दवा से लेकर चश्मा, उपकरण और अस्तपाल में उपयोग होने बाली झाडू तक की खरीदी होनी थी। इसमें कई फर्मों ने टेंड डाले थे।
Must see: ऑनलाइन ठगी के बाद अपने रुपये बापस पाने के ये हैं तरीके
टेंडर बुलाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर
जानकारी के मुताबिक, टेंडर बुलाने के बाद दस्तावैजों में हेरफेर किया गया। सामग्री की आपूर्ति का काम मेडिकल संचालक मुकेश मालवीय संचालक की फर्म संजय मेडिकल को मिला। लेकिन लेकिन उसमें डीडी किसी अन्य फर्म का लगाया गया। बिना सहमति के मेडिकल के प्रोपराइटर मुकेश दूसरी फर्म के डीडी का इस्तेमाल अपराध की श्रेणी में आता है। मुकेश की फर्म को फायदा पहुंचाया।
Must See: MP की मदर इंडियाः भाई ने चलाया हल बहनों को बनना पड़ा बैल
स्टोर कीपर व मेडिकल संचालक पर केस
हाल ही में ईओडब्ल्यू ने स्टोर कीपर केवी वर्मा और संजय मेडिकल के प्रोपराइटर मुकेश मालवीय के साथ ही अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें और नाम जुड़ सकते हैं।