Must See: कोरोना महामारी के बीच अब खतरनाक संक्रामक रोग ग्लेंडर की दस्तक
हमीदिया अस्पताल में जांच में पता चला कि संक्रमण अब आंख में है। वहीं, शहर के निजी अस्पताल में कल्पना सक्सेना करीब एक महीने भर्ती रहीं। उन्हे जबड़े के साथ तालु में संक्रमण हो गया था। अस्पताल में करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए। दोबारा संक्रमण हुआ तो अस्पताल ने पांच लाख रुपए और मांगे। अब उनके जबड़े की दूसरी हड्डी भी काटना पड़ी।
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ऑपरेशन के बाद सफाई जरूरी
हमीदिया अस्पताल के इएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यशवीर जेके बताते हैं कि मरीज को ऑपरेशन के बाद भी बहुत सतर्कता बरतनी पड़ती है। मरीज को हर पांच दिन में ऑपरेशन वाली जगह की सफाई : रिलुकएंडोस्कॉपी करानी होती है। इस दौरान क्नीलिंग की जाती है और यह देखा जाता है कि दोबारा संक्रमण तो नहीं हो रहा है। कई मरीज यह : नहीं कराते ऐसे में संक्रमण फिर बढ़ जाता है।
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कम डोज भी हो सकता है जिम्मेदार
दोबारा संक्रमण पर डॉक्टरों का मानना है कि बार-बार दवा का बदलना भी कारण हो सकता है। लाइपोसमल को एक बार मे 200 से 250 एमजी दवा दी जाती है। वहीं रिएक्शन होने से लिपिड कॉम्पलेक्स इंजेक्शन को 100 या 150 एमजी दिया जाता है। इससे भी संक्रमण दोबारा उभर रहा है।