इस बार किसान अपनी उपज बेचने के लिए सबसे ज्यादा परेशान हुआ है। खरीदी की अव्यवस्थाओं से 4 किसानों की मौत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई। 15 अप्रैल से शुरु हुई खरीदी 31 मई तक चली। इस अवधि में भी हजारों किसानों की उपज की खरीदी नहीं हो पाई। हमने सरकार से मांग की थी कि खरीदी की तारीख बढ़ाई जाए। सरकार ने 350 केंद्रों के लिए खरीदी की तारीख 5 जून तक बढ़ाई लेकिन खरीदी केंद्र कम कर दिए। आज भी किसान इन खरीदी केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़ा है।
देश में निसर्ग तूफान की चेतावनी के बाद भी लाखों मीट्रिक टन गेहूं के परिवहन और भंडारण की सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। सरकार के जिम्मेदार लोग कमरों में बैठक सिर्फ आंकड़े जारी करते रहे। कमलनाथ ने कहा कि हम सरकार से मांग करते है कि जब तक सभी किसानों का पूरा गेहूं नहीं खरीद लिया जाता , तब तक खरीदी चालू रखी जाए। जिन किसानों की खरीदी केंद्रों पर उपज बेचने के दौरान मौत हुई है उनके परिवार को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए।