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drama in city-मंत्री कहते हैं- कला से बड़ी कोई चीज नहीं होती है

भोपाल. शहीद भवन में रविवार को नाटक आदरांजलि का मंचन किया गया। इस नाटक का लेखन व निर्देशन पंकज चौबे ने किया। 1.25 मिनट की इस प्रस्तुति में कलाकारों के सम्मान को दिखाया गया। नाटक के माध्यम से कला और कलाकारों के सम्मान व कला की अजय शक्तियों को खूबसूरती से उकेरा गया है। नाटक में केदारनाथ बड़े गायक है, जो आसपास के बच्चों को गायन विधा से जोड़ते रहते है। वहीं उनका बेटा प्रकाश अपनी जॉब के कारण गाने में ज्यादा लगाव नहीं रखता है।   वीडियो देखें- https://dai.ly/x8jh53z

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एक दिन प्रकाश के ऑफिस में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें नेता ङ्क्षशदे भी पहुंचते है साथ ही केदारनाथ को भी बुलाया जाता है, लेकिन मंत्री केदारनाथ को पसंद नहीं करते, और बुरा भला कहते हैं। इस दौरान केदारनाथ गाने की प्रस्तुति देता है, गायन सभी को अच्छा लगता है। मंत्री को अपनी बात पर पछतावा होता है, वह कहते हैं कि कला से बड़ी कोई चीज नहीं होती है।

रेल के डिब्बे में घटी व्यक्ति के घटना पर इंसानियत की शिक्षा
भोपाल. शेडो बाक्स थियेटर में रविवार को निर्देशन मनोज नायर द्वारा रचित नाटक आदमी और कुत्ता का मंचन हुआ। नाटक में दिखाया कि इंसान को इंसान ही बने रहना आवश्यक है। इस संसार में हमेशा अपने भीतर मनुष्यता बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। अपने क्षणिक लाभ के लिए कोई भी पलट सकता है। भीतर के पशुत्व को पूरी तरह समाप्त करना बहुत ही दुष्कर कार्य है। लेकिन अंत में मनुष्यता ही जीतती है। ऐसा ही संदेश आदमी और कुत्ता नाटक द्वारा दिया जाता है।

मनुष्य और पशु के बीच अंतर को दिखाया
वनमाली जी कहानी आदमी और कुत्ता में उन्होंने मनुष्य और पशु के बीच के अंतर को बताया है। रेल यात्रा के दौरान रेल के डिब्बे में घटी व्यक्ति के घटना पर आधारित इस कहानी में पशुत्व से ऊपर उठकर इंसानियत की शिक्षा देती है। इस नाटक में लेखक के माध्यम से आदमी के भीतर आदमी से मिलने की कवायद है।