मध्यप्रदेश में मानसून के एक्टिव होने के बाद कई जिलों से भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बारिश की खबरें हैं। मानसून अब मध्यप्रदेश से आगे उत्तर भारत तक पहुंच गया है।
कहां कितनी हुई बारिश
देवास जिले में हुई भारी बारिश के बाद सोनकछ से गुजरने वाल कालीसिंध नदी उफान पर आ गई। इस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
-देवास जिले की कालीसिंध नदी के उफान पर होने के कारण हाटपिपलिया-टप्पा मार्ग बंद हो गया। पुल के ऊपर 4 फीट तक पानी आ गया था। इस कारण कई घंटों तक वाहन चालकों को पानी उतरने का इंतजार करना पड़ा।
-भोपाल में 51.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। नए भोपाल के कई हिस्सों में बारिश के साथ ही अंधेरा छाया रहा, इस कारण वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
-गुना जिले में तेज बारिश के कारण जिला अस्पताल के भीतर तक पानी पहुंच गया। इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां के सर्जिकल के वार्डों के अलावा कोविड वार्ड में भी पानी घुस गया था। लगातार बारश से यहां का तापमान गिरकर 27 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं गुना में 53.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
-धार जिले में सबसे ज्यादा 110 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। नौगांव में 103.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। यहां करीब सवा घंटे हुए बारिश के बाद सड़कें पानी से भर गईं। धार और बदनावर में भी मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के कारण सोयाबीन की फसल बोने का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे खिल गए।
-इंदौर में पिछले 24 घंटे में 11.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मानसून के आने के बाद इंदौर में यह पहली बारिश थी। इस कारण सड़कों पर पानी भर गया और कई स्थानों पर कीचड़ हो गया।
-मानसून ने ग्वालियर और चंबल में दस्तक जरूर दे दी है, लेकिन वहां फिलहाल बारिश नहीं हो रही है। आने वाले एक दो दिन में कुछ स्थानों पर बारिश का पूर्वानुमान है।
-इनके अलावा उज्जैन में 31.6, सतना में 27 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। पचमढ़ी, दमोह, जबलपुर, खजुराहो और रीवा समेत अन्य जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारों का दौर जारी है।