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…तो शुरु होगा प्रदर्शन
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के मुताबिक, जिस तरह आमजन किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं। ठीक उसी तरह प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूलों के सामने कई समस्याएं हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही। ऐसे में हमारे पास भूख हड़ताल, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही नहीं बच रहा है। अगर सरकार तय समय तक मांगें नहीं मानती, तो मध्य प्रदेश में जिला, तहसील और ब्लाॅक स्तर पर 1 दिन की भूख हड़ताल की जाएगी। इसपर भी सरकार की आंख नहीं खुली तो, इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू होंगे। बता दें कि, प्रदेश में एमपी बोर्ड के करीब 45 हजार और भोपाल में करीब 1800 निजी स्कूल हैं, जो इस प्रदर्शन के चलते प्रभावित होंगे।
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स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के सामने रखीं ये मांगें
-प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा आरटीआई के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की साल 2011-12 से साल 2019 तक की रोकी गई राशि का तत्काल भुगतान हो और कक्षा पहली से 12वीं तक की मान्यता संबंधी निरीक्षण परीक्षण को 5 साल तक के लिए मान्यता का नवीनीकरण हो।
-शासन ने सभी गतिविधियों को शुरू कर दिया है, लेकिन स्कूल अब भी बंद हैं। गाइडलाइन का पालन कराते हुए स्कूलों को तुरंत संचालित कराया जाए। निजी स्कूल संचालकों से लिया जाने वाला प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल, पानी बिल और जिन संचालकों द्वारा विभिन्न प्रकार के लोन लिए गए हैं, उनकी किस्त वर्तमान सत्र के लिए रोकर उनका ब्याज माफ किया जाए।
-7 महीने से स्कूल बंद है। ऐसे में निजी स्कूल संचालक कर्मचारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे। इसके मानसिक और आर्थिक तनाव से जूझ रहे शिक्षकों और स्टाफ को शासन द्वारा तत्काल आर्थिक मदद दी जाए।
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क्यों अब तक कोई फैसला नहीं ले सकी सरकार, जबकि…
एसोसिएशन ऑफ अन ऐडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्य प्रदेश के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि हमें पूरी आशा थी कि पड़ोसी राज्यों द्वारा लिए गए निर्णयों की तरह प्रदेश सरकार कम से कम कक्षा 9वीं से 12वी तक की नियमित कक्षाएं 50 फीसदी उपस्थिति के साथ चालू करने का आदेश जारी करेंगी। लेकिन, अपसोस है कि, सरकार इसपर कोई ठोस फैसला नहीं ले सकी है।