मृतक के भाई संतोष रैकवार ने शक के आधार पर सुरेश और निशा को पुलिस के हवाले किया। पहले पुलिस ने मामूली पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया था, लेकिन 3 मार्च की रात सुरेश पाल को फिर बुलाकर पूछताछ की तो उसने अकरम के साथ मिलकर गोपाल को मौत के घाट उतारना कबूल दिया। फिर अकरम और फिर निशा को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की तो सारा सच सामने आ गया। आरोपियों पर पुलिस ने हत्या करने, षडय़ंत्र रचने और अपराध के लिए उकसाने के मामले में भादंवि की धारा 302, 120 बी, 34 तथा 109 की कायमी कर कार्रवाई की है। सुरेश और अकरम को पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि निशा को जेल भेज दिया है।