लेकिन इस बार भोपाल में एक अजीब ( mysterious murder case ) तरह की साजिश के तहत एक पुराने अपराधी ने हत्या को अंजाम दिया। और अंजाम भी ऐसा की कई दिन तो पुलिस ही इस चक्कर में रही कि अपराधी ने स्वयं ही आत्महत्या कर ली हो। लेकिन जब पूरा मामला सामने आया तो पुलिस तक चौंके बिना नहीं रह सकी।
दरअसल हत्या के जुर्म में राजधानी सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 15 दिन की पेरोल पर आए बंदी ने वापस जेल जाने से बचने के लिए फिल्मी स्टाईल में एक मामले को खुदकुशी ( mysterious murder case ) का रूप दिया। साथी दोस्त के साथ एक मजदूर को दोस्त बनाकर घर लाए।
रातभर उसे छककर शराब पिलाई। जब वह शराब के नशे में बेसुध हो गया, तो उसके हाथ-पैर बांधकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। यह जानकारी एएसपी जोन-1 अखिल पटेल ने दी है।
एएसपी अखिल पटेल ने बताया कि बंदी राजेश परमार ने दोस्त निहाल खान के साथ मिलकर जिस युवक की हत्या की उसे बंदी ने खुद के कपड़े पहना दिए। जिससे पुलिस को लगे कि बंदी राजेश ने खुदकुशी ( mysterious murder case ) कर ली है। पुलिस भी यही मान बैठी थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जब हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस की तफ्तीश दिशा बदल गई और घटना के आठ दिन बाद फरार बंदी को चेन्नई और उसके साथी को गुजरात से गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया।
यह है मामला…
जानकारी के अनुसार 34 वर्षीय राजेश परमार हरी नगर नीलवड़ में रहता है। वह वर्ष 2014 में एमपी नगर थाना क्षेत्र में हुए एक हत्या के मामले में भोपाल सेंट्रल जेल में बंद है। वर्ष 2016 में उसे आजीवन कारावास की सजा पड़ गई थी।
तब से वह दो-तीन बार पेरोल पर बाहर आ चुका है। पिछले महीने 29 जून की सुबह करीब 7 बजे पुलिस को पड़ोसी ने सूचना दी कि राजेश परमार के घर में आग ( mysterious murder case ) लग गई है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, घर के अंदर से आग की लपटें निकलने लगी।
ऐसे खुला बंदी के जिंदा होने का रहस्य ( mysterious murder case of own )…
प्राथमिक पड़ताल में जब पुलिस ने घटनास्थल का परीक्षण किया, तो पता चला कि जिस युवक की जली हुई लाश मिली। उसके हाथ-पैर पीछे की तरफ मुड़े हुए थे। मामला संदिग्ध होने के बाद पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली।
हवाई जहाज से चेन्नई पहुंची पुलिस…
थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुनील सिंह भदौरिया को जब दोस्त निहाल खान का पता चला, तो दिनभर उसकी तलाश में निजामुद्दीन कॉलोनी की खाक छानी। इस बीच उसका मोबाइल नंबर मिला, पुलिस ने मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। लोकेशन गुजरात मिली।
सब इंस्पेक्टर सुनील भदौरिया एक टीम के साथ गुजरात पहुंचे और निहाल खान को दबोच लिया। रास्ते में हुई पूछताछ में उसने यह वारदात कबूल ली। लेकिन बंदी राजेश परमार का पता नहीं बता सका।
सख्ती से पूछताछ में निहाल ने कहा कि बंदी राजेश के पास उसकी एक सिम है, जिससे वह उसके नंबर पर फोन कर सकता है। पुलिस ने आरोपी निहाल की बात पर भरोसा किया और उसे योजना मुताबिक दबोचने का जाल बुना।
इसलिए पहन ली लुंगी और लगा लिया तिलक…
जैसे ही बंदी ने निहाल के मोबाइल पर फोन किया, उसकी लोकेशन ट्रेस की। लोकेशन चेन्नई मिली। लोकेशन ट्रेस होने के बाद सब इंसपेक्टर भदौरिया बिना समय गंवाए टीम के साथ हवाई जहाज से चेन्नई पहुंच गए।
इस बीच एक टीम निहाल को भेापाल ले आई और बंदी से लगातार संपर्क बनवाए रखा। पुलिस टीम जब चेन्नई पहुंची, तो बंदी वहां से बेंगलुरू निकल गया। पुलिस की योजना मुताबिक जब राजेश ने दूसरी बार निहाल को फोन किया, तो निहाल ने कहा कि उसका एक दोस्त है चेन्नई में जो मदद कर देगा। दोस्त के रूप में पुलिस तैयार थी।
पुलिस ने जाल बुना, भेषभूषा बदल दी। लुंगी पहन कर तिलक लगाया और आमजन की तरह तीन दिन वहीं घूमती रही। जब बंदी राजेश को विश्वास हुआ तो उसने निहाल के बताए अनुसार पुलिस के नंबर पर फोन किया। पुलिस पहले से टैक्सी लेकर उसके इंतजार में खड़ी थी। जैसे ही वह आया, उसे दबोचकर भोपाल ले आई।
बनाई थी योजना…
भोपाल आने के बाद निहाल ने कबूल किया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए बंदी राजेश ने उसे एक लाख रुपएक का लालच दिया था। बंदी राजेश ने बताया कि उसे लगा कि अब वह ता-उम्र जेल की सलाखों के पीछे ही रहेगा। चूंकि पिताजी की मौत के बाद उसकी पेरोल कराने वाला कोई नहीं था।
यह उसकी आखिरी पेरोल थी। इसलिए उसने दोस्त निहाल के साथ यह योजना बनाई। 28 जून की रात वह प्रभात पेट्रोल पंप पहुंचे, यहां देशी कलारी के पास से गोविंदपुरा निवासी राजू रैकवार को दोस्त बनाया और शराब पिलाने का कहकर घर ले आए। फिर उसे रातभर छककर शराब पिलाई।
जब वह बेसुध हो गया, तो उसके हाथ-पैर बांध दिए। फिर गला घोंटकर हत्या कर दी और किताबों के ढ़ेर के बीच लाश को दबाकर बाइक से पेट्रोल निकालकर उसके उपर उडेल दिया।
फिर आग लगाकर दोनों अलग-अलग भाग गए। इधर, राजू रैकवार के परिजनों ने 29 जून को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट गोविंदपुरा थाने में दर्ज कराई थी। इस मामले में रातीवड़ थाना पुलिस ने राजेश परमार और आरोपी छात्र निहाल खान के ख्लिाफ हत्या, साक्ष्य छिपाना और जेल से बाहर आकर फिर हत्या करने की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की तरफ से इस मामले में जो पत्राचार होगा, उसके तहत जेल के अंदर बंदी की सभी माफी निरस्त कर दी जाएगी। अब उसे ता-उम्र सजा के तौर पर जीवन काटना होगा।
– संजय पांडे, डीआईजी मप्र जेल